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तप जीवन को निर्मल बनाता है-साध्वी कैवल्यप्रियाश्री

locationबाड़मेरPublished: May 16, 2021 12:29:23 am

Submitted by:

Dilip dave

सामूहिक वर्षीतप की आराधना की पुर्णाहुति

तप जीवन को निर्मल बनाता है-साध्वी कैवल्यप्रियाश्री

तप जीवन को निर्मल बनाता है-साध्वी कैवल्यप्रियाश्री

बाड़मेर. केयुप वर्षीतप आराधना समिति बाड़मेेर की ओर से गत वर्ष से आयोजित सामूहिक वर्षीतप की आराधना की पुर्णाहुति अक्षय तृतीया पर इक्षुरस से पारणे के साथ सम्पन्न हुई। केयुप वर्षीतप आराधना समिति के मुख्य संयोजक मांगीलाल मालू सूरत ने बताया कि केयुप वर्षीतप आराधना समिति की ओर से स्थानीय जैन छात्रावास कल्याणपुरा में 16 मार्च 2020 को वर्षीतप बियासना का शुभारम्भ मनितप्रभसागर व शशिप्रभाश्री के सानिध्य में किया गया था।
वर्षीतप समिति के संयोजक गौतमचन्द संखलेचा ने बताया कि वर्षीतप की आराधना में तेरह माह तक एक दिन उपवास व एक दिन बियासणा करना होता है और गर्म पानी का उपयोग होता है। केयुप अध्यक्ष प्रकाश पारख ने बताया कि बाड़मेर में 50 से अधिक आराधको ने सामूहिक वर्षीतप तपस्या की आराधना की। कोरोना काल व लॉकडाउन के चलते समिति ने सभी कार्यक्रमों को निरस्त किया, सभी आराधको ने अपने घर पर ही रहकर इक्षुरस से पारणा कर तपस्या की पूर्णाहुति की। इधर, साध्वी जिनप्रियाश्री का पांचवां वर्षीतप सम्पन्न हुआ।
स्थानीय साधना भवन में अचलगच्छ संघ के तत्वावधान में साध्वी जिनप्रियाश्री के पांचवें वर्षीतप की तपस्या की पूर्णाहुति पर केवलचन्द लक्ष्मणदास छाजेड़ परिवार ने काम्बली अर्पण कर जत कलश से इक्षुरस वोहरा करवा पारण करवाया। साध्वी कैवल्यप्रियाश्री ने वर्षीतप आराधना की तपस्या का महत्व बताते हुए कहा कि तप जीवन को निर्मल बनाता है, तप से स्वास्थ्य ठीक रहता है।
आदिनाथ के तप का लक्ष्य कर्ममुक्ति, समाधि,साधना, शान्ति और मनशुद्वि था। वेदमल बोहरा, नाकोड़ा ट्रस्टी रतनलाल वडेरा, बाबूलाल वडेरा, जगदीशचन्द बोहरा, अशोक बोहरा, अचलगच्छ जैन श्री संघ, अचलगच्छ युवक परिषद, अचलगच्छ महिला परिषद, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद केयुप, महिला व बालिका परिषद के सदस्य उपस्थित थे।

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