दरअसल, रेलवे, नेशनल हाईवे और राज्य सरकार की सहमति के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड सार्वजनिक निर्माण विभाग ने वर्ष- 2018 में शहर के मुनाबाव रेलवे फाटक कारेली नाडी के पास ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति जारी कर 27 करोड़ 35 लाख में टेण्डर प्रस्तावित किए गए, लेकिन इस दर को कम मानते हुए कोई कंपनी या फर्म आगे नहीं आई। ऐसी स्थिति में टेण्डर निरस्त हो गया। अब करीब चार साल बाद सरकार ने आरओबी निर्माण की लागत 45 करोड़ प्रस्तावित कर टेण्डर जारी किए है, अब निजी फर्म के नाम 39 करोड़ 95 लाख रुपए में टेण्डर खुला है। यह फर्म दो साल में आरओबी का निर्माण करेगी।
यह होगा फायदा
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पश्चिमी सीमा तक निर्बाध पहुंच हो सकेगी। सैन्य स्टेशन जसाई का जोधपुर तक निर्बाध जुड़ाव होगा। बॉर्डर क्षेत्र व शहर के पश्चिमी क्षेत्र के गांवों से गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल तक पहुंचने में फाटक की रुकावट के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
500 मीटर है प्रस्तावित लंबाई
मुनाबाव रोड पर प्रस्तावित आरओबी कारेली नाडी से महावीर सर्किल तक पांच सौ मीटर के करीब लंबा होगा। यह आरओबी फोरलेन होने से वाहनों की आवाजाही सुगमता से होगी। इसके दोनों तरफ सर्विस रोड़ का निर्माण होगा।
शहर का तीसरा आरओबी
बाड़मेर शहर का यह तीसरा आरओबी होगा। इससे पहल नेहरु नगर के रामूबाई स्कूल से किसान छात्रावास व जैसलमेर रोड़ पर आरओबी बने हुए है। इसके अलावा चौहटन फाटक पर आरओबी की स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं शहर में अण्डर ब्रिज बनाने की स्वीकृति मिली हुई है।
– कार्यादेश जारी किए है
मुनाबाव रोड़ पर आरओबी निर्माण के लिए टेण्डर जारी किए है। आरओबी निर्माण के लिए 39 करोड़ 95 लाख रुपए का टेण्डर हुआ है। यह आरओबी दो साल में बनकर तैयार होगा। – अनूपसिंह, सहायक अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बाड़मेर