तापमान 50, रात 1 बजे बिजली और हजारों किसानों की अग्निपरीक्षा
बाड़मेरPublished: Feb 03, 2019 07:15:21 am
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Tens of thousands of farmers at a temperature of 50 o’clock
तापमान 50, रात 1 बजे बिजली और हजारों किसानों की अग्निपरीक्षा
किसान यानि ‘धरतीपुत्रÓ और ‘अन्नदाताÓ। जय जवान और जय किसान। इतनी बड़ी उपाधि कृषि प्रधान भारत देश में सामान्य किसान क्यों दी गई है इसका जवाब इन दिनों थार के रेगिस्तान की खून जमा देने वाली सर्दी की अद्र्धरात्रि बाद हजारों खेतों में है। सीमा पर जहां जवान हर पल इस फिक्र में डटे है कि दुश्मन की नापाक नजर भी सीमा को छू नहीं पाए तो किसान इन दिनों हाड़ कंपाने वाली सर्दी में रात-रातभर पानी पिला-पिलाकर फसलों को बचा रहे है। पत्रिका ने सर्द रात में एक किसान के खेत पर पहुंचकर जी-जान लगाकर फसल उपजाने में लगे किसान के संघर्ष को देखा जो दर्शाता है कि अन्नदाता बनना आसान नहीं…
बायतु . रात के 12.50 बजे शुक्रवार। इस मौसम का सबसे सर्द दिन और ठण्डी रात। शीतलहर का वेग इतना कि हड्डियां कंपकंपा रही थी और सर्दी एेसी कि छूते ही खून जम जाए।
इस मौसम में घरों में दुबके लोग भी ठण्ड से बचने के लाख जतन कर रहे थे चौखला ग्राम पंचायत के जेतपुरा गांव में खुले खेतों में लहलहाई फसलों के बीच किसान टॉर्च लेकर खड़े थे। कुएं पर पानी की मोटर चल रही थी और वे पानी से आधे से ज्यादा भीगे फसलों को पानी पिलाने में जुटे थे। 62 वर्षीय किसान मूलाराम सऊ पानी से आधा भीगा था और जोर-जोर से आवाज करते हुए फसलों के बीच दौड़ लगा रहा था। आदमी आता देख जोर से चिल्लाया कौन है? जवाब मिलने पर कुछ संतुष्ट हुआ। पूछा कि इतनी रात में इस सर्दी में, एेसा क्यों? मूलाराम का जवाब था रात को ही बिजली आती है तो पानी भी रात को ही पिलाना पड़ेगा। सुबह का इंतजार किया तो फिर फसलें चौपट हो जाएगी। पूछा कि आपको ठण्ड नहीं लगती, जवाब था- लागे क्यों कोनी, म्है खै लौ (लोहे) का बण्या हों। पेट में आग लागुड़ी व्है नी तो सी किनै लागे।
एेसी स्थिति क्यों
चौखला के किसान बुलाराम बताते है कि हमको सिंचित क्षेत्र मे अधिकतर बिजली रात को ही मिल पाती है,इसलिए सिंचाई रात में ही होती है। वो कहते है नेताओं ने कहा था कि दिन में बिजली दिलवाएंगे पर हुआ कुछ नहीं, अब हमारी तो यही जिंदगी है।
यह है स्थिति
डिस्कॉम ने कृषि कनेक्शन के लिए बिजली आपूर्ति के लिए रोटेशन पद्धति बना रखी है जिसके तहत महीने में पन्द्रह दिन तक आधे किसानों की फसलों को सिंचाई करने के लिए रात को बारी आती है, वहीं आधे किसानों की दिन को बारी आती है। ऐसे मे कुल मिलाकर जिले के आधे किसान कड़ाके की सर्द रात को खेतों मे पानी के बीच खड़े रहकर फसलों की सिंचाई करते है। उपखण्ड क्षेत्र के भीमडा, चौखला, जोगासर, छीतर का पार, खानजी का तला, रतेऊ, केसुम्बला, सवाऊ समेत दो दर्जन से ज्यादा गांवों मे सिंचित क्षेत्र होने के कारण यहां खरीफ के साथ साथ रबी की फसलो की बुवाई होती है।