क्यों हुई बंद
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्क्रिय करने के बाद भारत-पाक संबंधों में तनाव हुआ और रिश्तो की रेल को बंद कर दिया गया। ट्रेन आखिरी फेरा 9 अगस्त 2019 को भगत की कोठी से पाकिस्तान गया था, जो वापस पाकिस्तान से 10 अगस्त को रवाना होकर 11 अगस्त को जोधपुर आया था। यह रेल जोधपुर से रवाना होती, जो बाड़मेर के मुनाबाव (अंतिम रेलवे स्टेशन ) पहुंचती है। जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे प्लेटफार्म है।
1965 के बाद खुला था मार्ग
-1965 के युद्ध से पहले भारत-पाकिस्तान रेल का संचालन जोधपुर से कराची तक होता था ।
– 1965 के युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई और रेल बंद
– 18 फरवरी 2006 को 41 साल बाद इस रेल को पुन: प्रारंभ किया गया था
– थार रेल में अब तक 4 लाख से अधिक यात्री दोनों ओर से यात्रा कर चुके हैं।
हिन्दुओं पर बढ़ रहा अत्याचार
पाकिस्तान में अत्याचार व धार्मिक उत्पीडऩ की वजह से त्रस्त लोग अब वहां से अपनों के पास भारत आना चाह रहे हैं। हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया। उसके बाद अब पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ गया है।
अपनों की फिक्र
एक लाख पाक विस्थापित परिवार फिलहाल बाड़मेर में है। इन परिवारों को अब अपनों की चिंता सताने लगी है। ढाट पारकर सोसायटी के अध्यक्ष डा. बाबूदान चारण कहते है कि हम फिक्र कर सकते है, समाधान सरकार के पास है। सरकार थार एक्सप्रेस को फिर शुरू करें।
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फैक्ट फाइल
– 1 लाख पाक विस्थापित परिवार बाड़मेर में
– 14 साल से संचालित हो रही है थार एक्सप्रेस
– 4 लाख भारत-पाक यात्री कर चुके यात्रा
– 800 यात्री-जाते आते है हर हफ्ते