प्रदेश में विभिन्न मांगों को लेकर गत सात दिन से हड़ताल पर चले रहे चिकित्सकों से शहर व क्षेत्र के सरकारी चिकित्सालयों में उपचार की व्यवस्था लडख़ड़ा गई थी। इस दौरान आयुष, आयुर्वेद चिकित्सकों व मेडिकल कॉलेज जोधपुर के डॉक्टर्स ने सेवाएं दी। चिकित्सालय में एलोपैथिक दवाइयां नहीं मिलने पर हड़ताल के दिनों में मरीज भी कम पहुंचे। चिकित्सालय प्रशासन ने प्रसूताओं के अलावा अन्य मरीजों को उपचार व ऑपरेशन के लिए भर्ती नहीं किया। इससे मरीजों को अधिक परेशानियां उठानी पड़ रही थी। निजी चिकित्सालयों के महंगे उपचार से इनकी हालत खस्ताहाल हो रखी थी। सोमवार को नाहटा अस्पताल के 16 चिकित्सकों में से प्रमुख चिकित्सा अधिकारी व दो चिकित्सक दो दिन पूर्व काम पर लौटे। सोमवार को शेष 13 कर्मचारियों के काम पर लौटने पर परेशान मरीजों ने बड़ी राहत महसूस की। इस पर उपचार के लिए बड़ी संख्या में मरीज यहां पहुंचे। इस दिन 518 मरीज उपचार के लिए पहुंचे। 27 मरीज भर्ती किए।
अभी बढ़ेगी चहल-पहल- चिकित्सक हड़ताल के चलते सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या कम हो गई थी। स्थिति यह थी कि पिछले सात दिन से चिकित्सालय परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ था। अब चिकित्सक आने के बाद मरीजों की तादाद एकदम दस गुना तक बढ़ गई।
हड़ताल से लौटे चिकित्सक समदड़ी पत्रिका. प्रदेश में चिकित्सकों राज्यव्यापी हड़तान रविवार रात खत्म होने पर सोमवार को समदड़ी में दो चिकित्सक काम पर लौटे। इस पर उपचार के लिए बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। चिकित्साधिकारी डॉ. शिवमंगल नांगल व डॉ. हेमाराम डोगियाल सोमवार को काम लौटे। इस पर चिकित्सालय में पूरे दिन भीड़ लगी रही। नि.स