scriptरीट के रायते में फंसा प्रदेश का भविष्य | The future of the state trapped in Reet's opinion | Patrika News
बाड़मेर

रीट के रायते में फंसा प्रदेश का भविष्य

– दो साल से आवेदन का इंतजार- बार-बार कोर्स परिवर्तन व नियम संशोधन के निर्णय से युवा परेशान- लाखों युवाओं के शिक्षक बनने के सपने पर रोक

बाड़मेरJul 15, 2020 / 07:25 pm

Dilip dave

रीट के रायते में फंसा प्रदेश का भविष्य

रीट के रायते में फंसा प्रदेश का भविष्य



बाड़मेर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का रास्ता रीट परीक्षा युवाओं के भविष्य को अधरझूल में डाल रही है। ११ फरवरी 2018 में परीक्षा हुई थी, जिसके बाद बार-बार रीट की परीक्षा होने की उम्मीद जगा कर फिर मामले ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। 2 अगस्त 31 हजार, साढ़े तीन लाख, बीएसटीसी व बीएड 11 लाख बीएड ऐसे में दे साल से शिक्षक बनने का सपना लिए बैठे परीक्षार्थी परेशान हो रहे हैं। यहीं नहीं कभी कोर्स बदलने का निर्णय तो कभी रीट प्रथम लेवल में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को शामिल करने की बात आने से युवा उधेड़बून में है कि आखिर रीट में होगा क्या और आवेदन कब लिए जाएंगे।
54 हजार बने थे शिक्षक- 11 फरवरी 2019 को आयोजित रीट परीक्षा के बाद प्रदेश में 54 हजार अभ्यर्थी तृतीय श्रेणी शिक्षक बने थे। इसमें से 26 हजार लेवल वन (पहली से पांचवीं तक) तथा 28 हजार लेवल द्वितीय (छठीं से आठवीं) के अध्यापक लगाए गए थे।
मुख्यमंत्री ने 31 हजार पदों की कर रखी घोषणा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर रीट की परीक्षा 2 अगस्त को करवाने की घोषणा की थी। उन्होंने 31 हजार शिक्षक पद स्वीकृत करने की बात भी कही थी, लेकिन अभी तक प्रदेश में आवेदन प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है तो फिर रीट की परीक्षा 2 अगस्त को कैसे होगी, यह समझा जा सकता है।
बीएसटीसी वालों की अलग परेशानी- हाल ही में सरकार ने एक निर्णय लागू करने की बात कही जिसमें बताया कि लेवल प्रथम में बीएड डिग्रीधारी शिक्षक भी शामिल हो सकेंगे जबकि अब तक लेवल प्रथम में केवल बीएसटीसी वाले ही शामिल हो सकते हैं। बीएसटीसी डिग्रीधारकों के अनुसार वे सिर्फ लेवल प्रथम में शामिल हो सकते हैं जबकि बीएड वाले तो तृतीय श्रेणी शिक्षक के अलावा द्वितीय श्रेणी व व्याख्याता भर्ती में भी बैठ सकते हैं। ऐसे में उनके हितों पर कुठाराघात हो रहा है।
कॉमर्स को लेकर भी स्थिति नहीं साफ- कॉमर्स के विद्यार्थी भी बीएड करने के बाद परेशान है। उनको यह नहीं पता कि वे सामाजिक विज्ञान में रीट की परीक्षा में शामिल हो पाएंगे या नहीं। वे रीट नहीं दे पाते हैं तो उनके पास विकल्प मात्र द्वितीय व प्रथम श्रेणी शिक्षक का बचता है, जिसके पद भी कम ही होते हैं। यदि रीट में उनको शामिल किया जाता है तो फायदा मिल सकता है।
पन्द्रह लाख युवाओं को इंतजार- प्रदेश में रीट परीक्षा का इंतजार करीब पन्द्रह लाख विद्यार्थी कर रहे हैं। इनमें से साढ़े तीन लाख अभ्यर्थी बीएसटीसी डिग्रीधारक है जबकि करीब साढ़े ग्यारह लाख बीएड वाले हैं।
दो साल से इंतजार- 2018 में रीट की परीक्षा हुई थी। अब दो साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। वहीं, बीएसटीसी धारकों के हितों पर कुठाराघात की कवायद चल रही है। लेवल प्रथम में बीएड वाले शामिल होने पर बीसीटीसी डिग्रीधारक को एकल फायदा मिल रहा है वह भी खत्म हो जाएगा। सरकार इस पर निर्णय करे। – खेताराम बांता, बीएसटीसी डिग्रीधारक

Home / Barmer / रीट के रायते में फंसा प्रदेश का भविष्य

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो