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देश का एकमात्र स्थान जहां रेलवे के 17 लोग हुए है शहीद

locationबाड़मेरPublished: Jan 20, 2022 01:42:08 pm

Submitted by:

Ratan Singh Dave

भारतीय रेल प्रतिदिन लाखों यात्रियों को एक-एक पल की जानकारी के लिए सचेत और जागरुक करती है कि रेलयात्री कृपया ध्यान दें….इसी भारतीय रेल के लिए भाारत-पाक की पश्चिमी सीमा(गडरारोड़,बाड़मेर) से एक संदेश है कि भारतीय रेल कृपया ध्यान दें…1965 के भारत-पाक युद्ध में रेलवे के 17 लोग यहां शहीद हो गए थे

देश का एकमात्र स्थान जहां रेलवे के 17 लोग हुए है शहीद

देश का एकमात्र स्थान जहां रेलवे के 17 लोग हुए है शहीद

पश्चिमी सीमा से 56 साल से एक संदेश-
भारत-पाक सीमा से पुकार रही है 17 शहीदों की गौरवगाथा
रतन दवे
पत्रिका अभियान- भारतीय रेल कृपया ध्यान दें
बाड़मेर पत्रिका.
भारतीय रेल प्रतिदिन लाखों यात्रियों को एक-एक पल की जानकारी के लिए सचेत और जागरुक करती है कि रेलयात्री कृपया ध्यान दें….इसी भारतीय रेल के लिए भाारत-पाक की पश्चिमी सीमा(गडरारोड़,बाड़मेर) से एक संदेश है कि भारतीय रेल कृपया ध्यान दें…1965 के भारत-पाक युद्ध में रेलवे के 17 लोग यहां शहीद हो गए थे और सालाना अरबों रुपये का टर्नओवर कर रही रेलवे इस स्थल को विकसित करने के लिए लाखों रुपए भी 56 साल में खर्च नहीं कर पाई है। देश में यह रेलवे के लिए अद्वितीय मिसाल है कि रेलवे के 17 लोगों ने देश की रक्षा के लिए पटरियों पर जान देकर शहादत दे दी। रेलवे इस स्थल को करोड़ों रुपए लगाकर गौरवस्थल बनाने की कुवत रखता है लेकिन अरुचि और अनिच्छा का नतीजा है कि यहां विकास नहीं हो पाया है।
यह थी घटना
1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान 9 सितंबर को बाड़मेर युद्ध लड़ रहे सैनिकों के लिए राशनसामग्री लेकर एक रेल रवाना की गई। इस रेल पर बीच रास्ते बमबारी शुरू कर दी गई। रेलवे की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई। रेलवे के कार्मिकों, ईंजन चालक और अन्य ने बहादुरी और वीरता दिखाते हुए रेल को बॉर्डर तक लेकर गए। उन्होंने जान की परवाह नहीं की और 17 कार्मिक शहीद हो गए। भारत ने यह युद्ध जीता।
ये हुए थे शहीद-
नंदराम गैंगमेट, मुल्तानाराम पेंटर, भंवराराम कांटेवाला, करनाराम ट्रोलीमैन, मालाराम गंैगमैन, हेमाराम खलासी, मघाराम गैंगमैन, रावताराम गैंगमैन, हुकमाराम गैंगमैन, लालाराम गैंगमैन, चिमाराम गैंगमैन, खीमराज गैंगमैन, देवीसिंह खलासी, जेहाराम गैंगमैन, चुन्नीलाल ड्राइवर, चिमनसिंह फायरमैन व माधोसिंह फायरमैन।
रेलवे क्या करता है
शहादत के बाद रेलवे कार्मिकों ने यहां एक स्मारक बनाकर रात्रिजागरण प्रारंभ किया। इसके बाद मेस युनियन ने कुछ विकास करवाया। यहां हर साल 9 सितंबर को रेलवे शहीद मेला आयोजित करता है, जिसमें संभाग स्तर के रेलवे अधिकारी पहुंचते है, श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होता है।
क्या होना चाहिए
– रेलवे के लिए भारत का यह एकमात्र स्थल है जहां रेलवे के 17 कार्मिक शहीद हुए है,यहां तक विशेष रेलों का संचालन गुजरात के केवडिय़ा की तर्ज पर होना चाहिए।
– रेलवे यहां पार्क, शहीद स्माकर स्थल, रेलवे गेस्ट रूम और अन्य निर्माण करवाए।
– रेलवे का ए क्लास अस्पताल यहां हों ताकि रेलकार्मिक सहित पश्चिमी सीमा के शहीद परिवारों का उपचार हों।
– दिल्ली-गडरारोड़ विशेष रेल चलाई जाए, जो शहीद स्थल तक पहुंचे
– गडरारोड़ के रेलवे स्टेशन को रेलवे शहीद रेलवे स्टेशन बनाकर यहां 17 शहीदों की प्रतिमाएं लगाई जाए
– बॉर्डर पर्यटन के लिए यह रेलवे स्टेशन रोहिड़ी के धोरे, पश्चिमी सीमा व बाड़मेर कला-संस्कृति का परिचायक बने
सांसद की घोषणा भी नहीं पूरी
सांसद एवं कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने 19 सितंबर 2018 को यहां 20 लाख रुपए सांसद कोष से देने की घोषणा की थी लेकिन वो भी पूरी नहीं हुई है।कोरोनाकाल में बजट का अभाव बताया गया है, यह पूरी हों तो स्थल का विकास हों।
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