लूनी नदी के दूसरे छोर पर जलदाय विभाग का उच्च जलाशय बना हुआ है। पोकरण-फलसूण्ड-बालोतरा परियोजना लाइन से जुड़े होने जलाशय से शहर में जलापूर्ति की जाती है। परियोजना लाइन में पानी आपूर्ति करने पर हौद के भरने के बाद पीछे से आपूर्ति बंद नहीं करने से यह ओवरफ्लो होता है। हौद के छलकने पर पानी सड़क से होता हुआ पुल पर जमा होता है। इस पर आवागमन को लेकर हर दिन राहगीरों, वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ती है। पानी से भरी सड़क में से वाहन गुजरने पर कीचड़ उछलता है। इससे राहगीरों व दुपहिया वाहन चालकों के कपड़े खराब होते हैं। एक वर्ष से अधिक समय से इस स्थिति से राहगीरों, वाहन चालकों का सुख-चैन छीन गया है। उच्च जलाशय के भरने पर पीछे से आपूर्ति बंद कर अथवा ओवरफ्लो होने वाले पानी की निकासी लूनी नदी में करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है, लेकिन जलदाय विभाग के एेसा नहीं करने पर पुल पर हर दिन पानी के भराव पर आमजन में रोष है।
आवागमन में होती परेशानी – उच्च जलाशय ओवरफ्लो होने पर हर दिन पुल पर पानी का भराव होता है। इससे आवागमन में परेशानी होती है। विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जलाशय के ओवरफ्लो होने पर आपूर्ति बंद करें, जिससे की परेशानी नहीं हो। – रमेश जोशी
आवागमन में होती परेशानी – उच्च जलाशय ओवरफ्लो होने पर हर दिन पुल पर पानी का भराव होता है। इससे आवागमन में परेशानी होती है। विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जलाशय के ओवरफ्लो होने पर आपूर्ति बंद करें, जिससे की परेशानी नहीं हो। – रमेश जोशी
लूनी नदी के दूसरे छोर स्थित उच्च जलायश हर दूसरे-तीसरे दिन ओवरफ्लो होता है। पुल पर पानी के अधिक भराव पर पैदल गुजरना मुश्किल होता है। लम्बे समय से यह स्थिति है, लेकिन जलदाय विभाग ध्यान नहीं दे रहा। पानी की बर्बादी के साथ परेशानी हो रही है। – अभिषेक जैन