समिति के संयोजक मांगीलाल भंसाली राणीगांव व सहसंयोजक गौतमचन्द बोहरा भूणिया ने बताया कि शुक्रवार को भगवान जन्म कल्याणक विधान, च्यवन कल्याणक विधान एवं जन्म कल्याणक महोत्सव, शांतिनाथ भगवान पंच कल्याणक पूजन, बड़ी सांझी के साथ रात्रि में नरेन्द्र वाणीगोता मुम्बई व गौरव मालू की ओर से भव्य भक्ति संघ्या का आयोजन किया गया। कान्तिसुरि स्मृति भवन से आचार्य व साध्वीवृंद के सानिध्य में श्रद्धालु वरघोड़े, ढोल ढमाके व बैण्ड बाजों के साथ धर्मसभा स्थल अयोध्या नगरी पहुंचे, जहां पर नरेन्द्र वाणीगोता ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी। अयोध्या नगरी में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य जिन मनोज्ञसूरीश्वर ने कहा कि परमात्मा का जन्म कल्याणक महोत्सव का आयोजन अपने आप में अद्भुत एवं अलौकिक है।
तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी ने कहा कि थार की धरा वीरों की भूमि रही है ऐसी तपोभूमि पर मंदिर प्रतिष्ठा अपने आप में यहां के बाशिंदों की महत्ता को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि निंबड़ी, तारातरा, रानीगांव, चौहटन, विरात्रा, अपने आप में तपोभूमि रही है, यहां पर संतों ने तपस्या धारण कर अपना लक्ष्य प्राप्त किया था। उन्होंने महंत मोहनपुरी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस धरा पर ऐसे संत है, जिनकी वाणी अपने आप में ईश्वर की वाणी मानी जाती है। महंत ने रानीगांव वासियों को बधाई देते हुए कहा परमात्मा की प्रतिष्ठा पुण्य कर्मों का नतीजा है। जैन श्री संघ राणीगांव के अध्यक्ष रतनलाल बोहरा व कोषाध्यक्ष पारसमल बोहरा पटवारी ने बताया कि जैन श्री संघ बाड़मेर अध्यक्ष प्रकाशचन्द वडेरा, नाकोड़ा ट्रस्टी हंसराज कोटड़िया, रतनलाल वडेरा, पूर्व नाकोड़ा ट्रस्टी वीरचन्द वडेरा, बाबूलाल गांधी, ओमप्रकाश बोथरा गुड़ामालाणी, अशोक सिंघवी आदि अतिथियों का अभिनंदन किया गया। अभिनन्दन किया गया।
जिला परिषद सदस्य उगमसिंह राणीगांव, कमलसिंह राणीगांव, अचलगच्छ संघ के कार्याध्यक्ष बाबूलाल श्रीश्रीमाल, केयुप अध्यक्ष प्रकाश पारख, बिरामी ट्रस्टी संजय छाजेड़, मदनलाल मालू कानासर, पारसमल बोहरा भूणिया, मुकेश मालू, जगदीशचन्द बोथरा, भूूरचन्द संखलेचा, बंशीधर बोहरा, मुकेश बोहरा , रमेश लूणिया धोरीमन्ना, पार्षद दिनेश भंसाली, मनोज हालावाला आदि उपस्थित थे। संचालन बाबूलाल छाजेड़ ने किया।
आज ये होंगे कार्यक्रम- महोत्सव समिति के संरक्षक बाबूलाल मालू गोईलार ने बताया कि शनिवार सुबह 9 बजे से परमात्मा के अट्ठारह अभिषेक, ध्वजदण्ड, कलश आदि अभिषेक, पाठशाला गमन, परमात्मा के विवाह का कार्यक्रम, भगवान के मायरा, राज्याभिषेक, नवलोकांतिक देवी का आगमन तथा प्रार्थना, श्री शांतिनाथ भगवान की पंच कल्याणक पूजा, बड़ी सांझी के साथ रात्रि में भक्ति संघ्या का आयोजन होगा।