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सात साल से नहीं हुई सेट, कैसे बन पाएंगे सहायक आचार्य ?

locationबाड़मेरPublished: Mar 03, 2021 08:26:40 pm

Submitted by:

Dilip dave

राज्य पात्रता परीक्षा के बिना करीब चालीस हजार अभ्यर्थी रह जाएंगे वंचित
– पर्याप्त वक्त नहीं मिलने से तैयारी हो रही मुश्किल

सात साल से नहीं हुई सेट, कैसे बन पाएंगे सहायक आचार्य ?

सात साल से नहीं हुई सेट, कैसे बन पाएंगे सहायक आचार्य ?

बाड़मेर. कॉलेज व्याख्याता भर्ती के आवेदन तो हो गए, लेकिन सेट परीक्षा (राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा) लम्बे समय से नहीं होने से योग्य अभ्यर्थी बिना इस डिग्री के सहायक आचार्य बनने से वंचित रह जाएंगे। अभ्यर्थियों के अनुसार अन्य राज्यों में सहायक आचार्य परीक्षा से पहले राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा होती है, जिसके चलते उस राज्य के अभ्यर्थी कॉलेज व्याख्याता की परीक्षा दे पाते हैं, लेकिन प्रदेश में एेसा नहीं हुआ। एेसे में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थी भर्ती का फायदा उठा लेंगे। वहीं, आवदेन और परीक्षा के बीच कम समय होने से भी आधी-अधूरी तैयारी से परीक्षा देनी होगी। प्रदेश में कॉलेज व्याख्याता भर्ती को लेकर दिसम्बर में आवेदन मांगे गए।
हाल ही में राज्य में सहायक आचार्य की भर्ती निकाली गई है। ९१८ पदों पर हो रही भर्ती को लेकर परीक्षा तिथि भी घोषित की गई है, लेकिन प्रदेश के अभ्यर्थियों की माने तो इसका फायदा प्रदेश के युवाओं को कम ही मिलेगा। क्योंकि सहायक आचार्य की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी के पास के नेट या सेट की डिग्री होना जरूरी है। नेट परीक्षा देश स्तरीय होती है, जिसमें सफल अभ्यर्थियों में से प्रदेश के अभ्यर्थी कम होते हैं। वहीं, सेट राज्य स्तरीय परीक्षा होती है जिसमें सेलेबस भी प्रदेश का ही होता है। एेसे में राजस्थान के अभ्यर्थियों को इसका ज्यादा फायदा मिलता है। प्रदेश में सेट परीक्षा २०१३-१४ में हुई थी। सात साल से उक्त परीक्षा नहीं हुई है।
कॉलेज व्याख्याता परीक्षा से पहले सेट- अभ्यर्थियों के अनुसार सहायक आचार्य परीक्षा से पहले सेट की परीक्षा होनी चाहिए। सेट परीक्षा होने से जो युवा कॉलेज व्याख्याता बनने का सपना देख रहे हैं, उनको मौका मिलेगा तथा वे सेट उत्तीर्ण प्रमाण पत्र प्राप्त कर उक्त परीक्षा के योग्य हो सकते हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि अन्य राज्यो जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड ,कर्नाटक, गुजरात ,केरल आदि की भांति राजस्थान में भी सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा से पूर्व सेट परीक्षा का आयोजन हो। उनके अनुसार करीब चालीस हजार अभ्यर्थी एेसा नहीं होने पर परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। तिथि संशोधन की भी मांग- अभ्यर्थियों का कहना है कि उनको पढऩे का पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है। दिसम्बर में आवेदन मांगे गए और अप्रेल में परीक्षा हो रही है। कॉलेज व्याख्याता की परीक्षा को देखते हुए यह समय अपर्याप्त है। दूसरी परीक्षाओं में छह-सात महीने का वक्त मिलता है तो इसमें भी इतना वक्त मिलना चाहिए। वहीं, राज्य सरकार ने हाल ही में गुड एकडमिक रिकॉर्ड की अनिवार्यता खत्म की है जिससे काफी संख्या में अभ्यर्थी जो भर्ती परीक्षा के लिए योग्य हुए हैं, उनको परीक्षा तैयारी में कम समय मिलेगा। वहीं पाठयक्रम घोषित होने से पूर्व ही परीक्षा तिथियां घोषित करने पर भी अभ्यर्थी रोष जता रहे हैं। रीट में छूट सहायक आचार्य परीक्षा में नहीं- अभ्यर्थियों के अनुसार सरकार ईडब्ल्यूएस को लेकर दोहरा मापदंड अपना रही है।
एक तरफ रीट परीक्षा में ईडब्ल्यूएस पात्रता धारकों को अंकों में पांच फीसदी की छूट दे रखी है तो दूसरी ओर सहायक आचार्य भर्ती में छूट नहीं दी गई है।

सेट की परीक्षा हो- सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा से पूर्व सेट की परीक्षा होनी चाहिए। सेट परीक्षा का फायदा राजस्थान के अभ्यर्थियों को मिलेगा अन्यथा दूसरे प्रदेश के युवक फायदे में रहेंगे। परीक्षा तिथि भी संशोधित होनी चाहिए। लम्बे समय बाद भर्ती हो रही है, एेसे में पदों में भी वृद्धि की जाए।- नरेश भंसाली, अभ्यर्थी
अध्ययन सामग्री तक नहीं उपलब्ध– कोरोना के चलते पुस्तकालय, महाविद्यालय, कोचिंग सेंटर, बुक स्टाल, सार्वजनिक पुस्तकालय बंद रहे जिससे छात्रों को अध्ययन सामग्री उपलब्ध नहीं हो सकी और अध्ययन प्रभावित रहा है। दूसरी तरफ आरपीएससी परीक्षा आयोजन कराने में तुला है। परीक्षा की तिथि बढ़ाई जाए।- दीपक कुमार , अभ्यर्थी
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