सीसीटीवी कैमरे वार्डन के मोबाइल से जुड़े हुए
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हरसाणी के प्रिंसिपल, पीईईओ कैलाश आर्य के पास बालिका छात्रावास के वार्डन का जिम्मा है। छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जो वार्डन के मोबाइल से जुड़े हुए हैं। छात्रावास की गरिमा पेटी के सामने ही सीसीटीवी कैमरा है, इसलिए छात्राओं के पास गोपनीय शिकायत का भी विकल्प नहीं है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि करीब एक वर्ष से गरिमा पेटी खोली ही नहीं गई।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हरसाणी के प्रिंसिपल, पीईईओ कैलाश आर्य के पास बालिका छात्रावास के वार्डन का जिम्मा है। छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जो वार्डन के मोबाइल से जुड़े हुए हैं। छात्रावास की गरिमा पेटी के सामने ही सीसीटीवी कैमरा है, इसलिए छात्राओं के पास गोपनीय शिकायत का भी विकल्प नहीं है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि करीब एक वर्ष से गरिमा पेटी खोली ही नहीं गई।
स्नानादि के बाद सतर्कता से निकलना पड़ता है
छात्राओं ने जांच अधिकारी को बताया कि सीसीटीवी कैमरे वार्डन के मोबाइल से जुड़े होने के चलते उन्हें स्नानादि के बाद बाथरूम से सतर्कता से निकलना पड़ता है। इसलिए वे हर समय डर के साये रहती हैं। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन हॉस्टल में आकर खाना खाते हैं और उन्हें साथ बैठ कर खाना खाने के लिए कहते हैं। आरोप है कि वार्डन के लिए अलग से स्पेशल खाना बनता है। जबकि उन्हें कम गुणवत्ता का खाना दिया जाता है। वहीं तीन महीने में एक बार ही तेल व साबुन आदि दिए जाते हैं।
छात्राओं ने जांच अधिकारी को बताया कि सीसीटीवी कैमरे वार्डन के मोबाइल से जुड़े होने के चलते उन्हें स्नानादि के बाद बाथरूम से सतर्कता से निकलना पड़ता है। इसलिए वे हर समय डर के साये रहती हैं। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन हॉस्टल में आकर खाना खाते हैं और उन्हें साथ बैठ कर खाना खाने के लिए कहते हैं। आरोप है कि वार्डन के लिए अलग से स्पेशल खाना बनता है। जबकि उन्हें कम गुणवत्ता का खाना दिया जाता है। वहीं तीन महीने में एक बार ही तेल व साबुन आदि दिए जाते हैं।
छात्राएं उदास, ड्रॉपआउट का खतरा
जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इन हालात के चलते छात्राएं उदास हैं। उनके ड्रॉपआउट होने का खतरा है। फिलहाल यहां करीब 200 छात्राएं हैं। छात्रावास में छात्राओं को ही एक-एक घंटे के लिए बारी-बारी से गेट पर चौकीदारी करनी पड़ती है। छात्रावास में बीते नौ महीने से चौकीदार ही नहीं है। चौकीदार लगाना वार्डन की जिम्मेदारी है।
जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इन हालात के चलते छात्राएं उदास हैं। उनके ड्रॉपआउट होने का खतरा है। फिलहाल यहां करीब 200 छात्राएं हैं। छात्रावास में छात्राओं को ही एक-एक घंटे के लिए बारी-बारी से गेट पर चौकीदारी करनी पड़ती है। छात्रावास में बीते नौ महीने से चौकीदार ही नहीं है। चौकीदार लगाना वार्डन की जिम्मेदारी है।
जांच रिपोर्ट भेज दी, निर्णय ऊपर से होगा
कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास हरसाणी से संबंधित जांच रिपोर्ट आयुक्त को भिजवा दी है। जांच के दौरान वार्डन के अवकाश पर होने के कारण उनके बयान नहीं हो पाए। जहां तक कार्रवाई का सवाल है, यह निर्णय तो ऊपर से होगा। जो भी निर्णय होगा, हम उसकी पालना करवाएंगे। -तनुराम राठौड़, जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा बाड़मेर।
कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास हरसाणी से संबंधित जांच रिपोर्ट आयुक्त को भिजवा दी है। जांच के दौरान वार्डन के अवकाश पर होने के कारण उनके बयान नहीं हो पाए। जहां तक कार्रवाई का सवाल है, यह निर्णय तो ऊपर से होगा। जो भी निर्णय होगा, हम उसकी पालना करवाएंगे। -तनुराम राठौड़, जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा बाड़मेर।