अमूमन सावन में बारिश की झड़ी लगती है लेकिन इस बार एेसा नहीं हुआ। अब भाद्रपद का आखिरी पखवाड़ा शुरू हुआ तो लगा कि इस बार बारिश नहीं होगी लेकिन इन्द्र मेहरबान हुए तो तीन ही दिन में रेत के बवंडर की जगह बारिश की फुव्वारें पड़ी और देखते ही देखते झरने चलने लगे। चामुंडा माता पहाड़ी मोकलसर, सिवाना में कई जगह झरने दिखे।