इसमें प्रभारी डॉ. प्रदीप पगारिया ने बताया कि इस किस्म की ऊंचाई 175 से 185 सेमी, सिट्टों की लंबाई 22 से 23 सेमी है। जोगिया रोग रोधी तथा मध्यम अवधि में पकने वाली इस किस्म के अनाज की औसत पैदावार लगभग 26 से 28 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तथा सूखे चारे की पैदावार 61 से 69 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।
डॉ. हरि दयाल चौधरी ने बताया कि यह किस्म कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुई है तथा किसान इस किस्म को अपने खेत पर लगाने के लिए अधिक आकर्षित हो रहे हैं।
डॉ. बाबुलाल जाट ने केन्द्र की ओर से आयोजित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों एवं मृदा नमूना लेने की विधि के बारे में जानकारी प्रदान की।