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बाड़मेर

चार महीने टिड्डी, अब फाका बन सकता है फसलों के लिए खतरा

-तीसरे स्टेज का फाका घुस सकता है खेतों में-केलनोर के पास टीमें जुटी है फाके को नष्ट करने में-नियंत्रण संगठन आशंकित नए दल आ सकते हैं अभी

बाड़मेरAug 14, 2020 / 09:16 pm

Mahendra Trivedi

file photo

चार महीने टिड्डी, अब फाका बन सकता है फसलों के लिए खतरा

बाड़मेर. पिछले चार महीनों से अधिक समय से टिड्डी नियंत्रण में लगे विभाग के कार्मिकों के लिए अब फाका मुसीबत पैदा कर रहा है। जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में जहां पर टिड्डी बैठी वहां अब फाका निकलने के बाद तीसरी अवस्था में आने के बाद अब आगे बढऩे लगा है। विभाग का दावा है कि काफी बड़े क्षेत्र में टिड्डी फाके का सफाया किया जा चुका है। लेकिन कुछ क्षेत्र में फाका अब बरसात के बाद बाहर आने की सूचना भी मिल रही है।
जिले के कई क्षेत्रों में बरसात के बाद अब फाका की चिंता विभाग को भी सता रही है। फाका अब दूसरी से तीसरी स्टेज में आ चुका है। इसलिए यह रेंगकर खेतों तक पहुंच कर फसलों को नुकसान कर सकता है। जिले के केलनोर में फाका देखा गया है, इसके बाद विभाग की टीमें नियंत्रण में लग चुकी है। इसके अलावा पटौदी और सेड़वा में भी फाका मिला है।
अगले 10-15 दिनों में नए दल की आशंका
जिले में अगले 10-15 दिनों में नए टिड्डी दल के आने की आशंका जरूर जताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि वयस्क दल होता तो पहले पता चल जाएगा। इसके लिए नियंत्रण को लेकर तैयारी पूरी है। वैसे अगस्त में टिड्डी नहीं के बराबर मिली है। कहीं-कहीं कुछ क्षेत्रों में थोड़ी बहुत थी। जिसें नियंत्रित किया जा चुका है।
नमी दे रही फाका का जीवन
बरसात के चलते भूमि में नहीं होने से जमीन के नीचे बढ़ रहे फाके को जीवन मिल रहा है। अब कई स्थानों पर अचानक फाका जमीन के अंदर से बाहर आ रहा है, जो सबसे बड़ी चिंता का कारण है। हालंाकि सर्वे में विभाग के कार्मिक पता कर रहे हैं। लेकिन कई स्थानों पर अचानक बड़ी संख्या में फाका बाहर आने पर नियंत्रण करने में मुश्किल आती है।
अब आएगी टिड्डी तो आगे नहीं जाएगी
टिड्डी नियंत्रण संगठन का मानना है कि बरसात के कारण सीमावर्ती क्षेत्र में काफी वनस्पति पैदा हो गई है इस स्थिति में नए टिड्डी दल आते हैं तो आगे नहीं बढ़ेंगे। वनस्पति के कारण टिड्डी वहीं बैठ जाएगी। इसके चलते टिड्डी का फैलाव अन्य क्षेत्रों में नहीें होगा और नियंत्रण में भी आसानी होगी। मई महीने में बरसात नहीं होती है तथा रेगिस्तानी इलाका सूखा होने के कारण टिड्डी वनस्पति की तलाश में होती है और आगे बढ़ती है। ऐसे में किसानों को नुकसान होता है। बरसात के बाद हर जगह वनस्पति होने के कारण किसानों को नुकसान की आशंका कम हो जाती है।
कुछ जगह मिला है फाका
अब तो टिड्डी नहीं के बराबर रह गई है। फाका जरूर अब निकलने लगा है। नियंत्रण के लिए टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कार्य कर रही है। नए दल के आने की स्थिति में हमारी तैयारी पूरी है। अभी केवल आशंका जताई जा रही है। दल आता भी है तो बरसात के कारण बढ़े वनस्पति क्षेत्र के कारण आगे नहीं बढ़ पाएगा।
केवी चौधरी, संरक्षण अधिकारी, टिड्डी नियंत्रण संगठन बाड़मेर

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