बेटी इलाज करवाते थक चुका पिता, गहने व पशुधन बिका
बाड़मेरPublished: May 30, 2020 09:26:46 pm
– बेटी की दोनों किडनियां खराब, मां-बाप देने के तैयार, ऑपरेशन की राशि का अभाव
बेटी इलाज करवाते थक चुका पिता, गहने व पशुधन बिका
बाड़मेर. ग्राम पंचायत श्यामपुरा के शिवपुरा गांव निवासी खेताराम भील अपनी बेटी का इलाज करवाते-करवाते वह थक चुका है तो गहने व पशुधन बिक गया है। बेटों की कमाई भी लॉकडाउन में बंद हो गई तो आस-पड़ोस व रिश्तेदारों से भी उधारी मिलनी बंद हो गई। बीपीएल खेताराम को अब आसरा है तो लोगों की मदद या सरकार सहायता का, लेकिन वह भी मिल नहीं रही। एेसे में परिवार भगवान से दुआ ही कर रहा है। दरअसल खेताराम की चौदह वर्षीय बेटी कंवरपाल की तबीयत खराब हुई तो परिजन लेकर बालोतरा गए, जहां सरकारी अस्पताल में बताया। दवाइयां दी, लेकिन फर्क नहीं पड़ा जिस पर निजी अस्पताल लेकर गए। वहां जांच में पता चला कि कवंरपाल के दोनों गुर्दे ( किडनी) खराब है। परिजन जोधपुर लेकर गए वहां भी किडनियां खराब होने की बात बताई। चिकित्सकों ने उनको बताया गया कि जब तक नई किडनी नहीं लगती, डायलिसिस करवाना पड़ेगा। अपनी बेटी की जान पर बन आई तो पिता ने पशुधन बेच दिया तो मां ने गहने। वे डायलिसिस करवा रहे हैं जिससे कि बेटी को जिंदगी दे सकें, लेकिन अब हिम्मत हार गए तो इलाज के रुपए नहीं बचे हैं। एेसे में वे भगवान भरोसे हैं। तीन भाई मजदूरी कर बचा रही बहन की जिंदगी- खेतराम के तीन लडक़े हैं जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। वहीं, कंवरपाल के अलावा एक लडक़ी भी है। खेताराम की मदद में ये बेटे सहारा है जो मजदूरी की कमाई पिता को सौंप रहे हैं, जिन्हें खर्च कर खेताराम बेटी का डायलिसिस करवा रहा है। हर दूसरे दिन डायलिसिस होने से बालोतरा या जोधपुर जाना पड़ रहा है। माता-पिता किडनी देने को तैयार, इलाज के नहीं रुपए- कंवरपाल के पिता खेताराम व मां दोनों ही अपनी बेटी को खुद की किडनी देने को तैयार है। एेसे में सरकारी सहयोग या दानदाताओं की मदद से ऑपरेशन की राशि मिल जाती है तो कंवरपाल की जिंदगी बच सकती है।