तीनों की आमने-सामने पूछताछ- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान रतनू व अनुसंधान अधिकारी भंवरलाल सीरवी ने नबिया, रहमतुल्ला व चूनाराम उर्फ सुरेश से आमने-सामने पूछताछ की । पूछताछ में नबिया ने बताया कि रहमतुल्ला से उसकी पहचान जेल में हुई थी। रहमतुल्ला स्वयं स्मैकची है। उसने कुछ समय पहले बालोतरा जेल में उससे मुलाकात कर स्मैक दिलवाने का कहा। इस पर उसने सौदा करने की बात कही। इसके बाद रहमतुल्ला से मोबाइल से बात होने लगी। नबिया ने जेल में बैठे ही किशनाराम से संपर्क कर हेरोइन का इंतजाम करवाने की बात की। किशनाराम व नबिया भी जेल में तीन साल एक साथ रह चुके है। इसके बाद नबिया ने रहमतुल्ला को किशनाराम के मोबाइल नंबर देकर संपर्क करने को कहा। इस पर किशनाराम के बताए समय पर रहमतुल्लाखां व चूनाराम उर्फ सुरेश कुमार पटाऊ पहुंचे। इसके बाद करीब दो-ढ़ाई घंटे बाद किशनाराम हेरोइन की डिलेवरी देने आया।
15 जुलाई से कर रहा था मोबाइल का इस्तेमाल – रहमतुल्लाखां, किशनाराम व जेल में बंद नबिया की आपस में मोबाइल से बात होने के खुलासे के बाद 5 अक्टूबर को जेल प्रशासन ने जेल की तलाशी ली, इसमें नबिया के बिस्तर से मोबाइल व टूटा सिम कार्ड बरामद हुआ। पुलिस जांच में 15 जुलाई2017 के बाद नबिया के मोबाइल पर बात करने का खुलासा हो चुका है। जेल प्रशासन को तलाशी में मोबाइल व सिमकार्ड मिल गए, लेकिन चार्जर अभी तक नहीं मिला है।