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बाड़मेर

ट्रायल ट्रैक बनेंगे आधुनिक, स्मार्ट होगी ड्राइविंग,जानिए पूरी खबर

-बाड़मेर सहित चार डीटीओ मुख्यालय पर टीम ने किया सर्वे-सीआईआरटी को भेजी रिपोर्ट, वहां से मिलेगी स्वीकृति

बाड़मेरFeb 01, 2018 / 11:16 am

Mahendra Trivedi

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बाड़मेर. ड्राइविंग को स्मार्ट और सुरक्षित बनाने के लिए अब लाइसेंस जारी करने से पहले लिए जाने वाले टेस्ट के लिए ट्रॉयल टै्रक को आधुनिक बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए बाड़मेर सहित चार स्थानों पर ऑटोमैटेड ड्राइविंग ट्रॉयल टेस्ट ट्रैक के लिए सर्वे किया गया है।
राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (आरएसआरडीसी) की ओर से बाड़मेर, बालोतरा, जैसलमेर व जालोर में सर्वे पूरा कर लिया गया है। सर्वे की रिपोर्ट सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआईआरटी) पूणे को भेजी गई है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ऑटोमैटेड ड्राइविंग ट्रॉयल टैक का निर्माण शुरू होगा।
ये होंगी खासियत
ट्रायल टै्रक पूरी तरह आधुनिक होगा। ट्रैक के अलावा वाहन पर भी सेंसर लगाया जाएगा। इससे चालक की हर गतिविधि पर नजर रहेगी। अचानक ब्रेक लगाने या फिर स्पीड तेज होने पर सेंसर सक्रिय हो जाएंगे, जिसकी रिपोर्ट सीधे ट्रायल ऑफिसर को मिलेगी। जिससे पता चल जाएगा कि ट्रायल के दौरान चालक ने कितनी बार गलती की। इस पूरे ट्रायल की वीडियो बनेगी। वीडियो के आधार पर ही लाइसेंस जारी होगा। प्रथम चरण में बनने वाले टै्रक चंडीगढ़ की तर्ज पर बनेंगे।
यहां आधुनिक टै्रक बनाने की तैयारी
प्रदेश के 12 आरटीओ मुख्यालय वाले शहरों में ऑटोमैटेड ड्राइविंग ट्रायल टै्रक बनने की तैयारी है। यहां पर आधुनिक ट्रायल ट्रैक प्रथम चरण में बन रहे हैं। इसके बाद डीटीओ मुख्यालय के शहरों में ट्रैक बनाए जाएंगे। प्रथम चरण में बनने वाले टै्रक चंडीगढ़ की तर्ज पर बनेंगे।
सर्वे हुुआ है
बाड़मेर में ऑटोमैटेड ड्राइविंग ट्रायल टै्रक के लिए सर्वे हुआ है। प्रदेश में द्वितीय चरण में यहां पर ट्रैक बनने प्रस्तावित है।

डीडी मेघानी, जिला परिवहन अधिकारी बाड़मेर
रिपोर्ट बनाकर भेजी

चार डीटीओ मुख्यालय पर ट्रायल टै्रक के लिए सर्वे करवा कर रिपोर्ट सीआईआरटी को भेजी है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ट्रैक बनाए जाएंगे।
निर्मल माथुर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आरएसआरडीसी

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