नाक से गुजर जाते हैं। मांगता व बाछड़ाऊ स्थित पत्थर की खानों से ट्रक चालक बड़े-बड़े पत्थर लेकर चलते हैं। इनके वाहन की क्षमता व वजन से कोई लेना-देना नहीं होता। कई बार देखकर ही लगता है कि पत्थर कहीं तो
गिर ही जाएगा।
कई वाहन चालक टोल बचाने के चकर में सिंगल ग्रामीण सड़कों का उपयोग करते हैं। ऐसे में ये कई जगह धंस गई हैं। यहां से गुजरने के दौरान ट्रक चालक सामने से आ रहे वाहन चालकों को साइड ही नहीं देते। ऐसे में उन्हें वाहन एक ओर खड़ा कर ट्रक निकलने के बाद ही आगे बढऩा पड़ता है। उपखंड मुख्यालय से रोजाना दो सौ से अधिक ट्रक क्षमता से अधिक वजन भरकर निकलते हैं।
जमीन में धंस गई ग्रामीण सड़कें अरणियाली फांटे से लेकर सिसावा तक 20 किलोमीटर की दूरी में बनी सड़क मात्र एक माह में ही अस्त-व्यस्त हो चुकी है। यह कई जगह जमीन में धंस चुकी है। ऐसे में सिंगल सड़क पर तेज रफ्तार से चल रहे ट्रकों से हादसे की आशंका बढ़ जाती है। ग्रामीणों ने कई बार परिवहन विभाग में व पुलिस को शिकायतें भी की, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। यहां के लिए चलते हैं ट्रक मांगता व बाछड़ाऊ में सैला पत्थर व ग्रेनाइट की माइंस है।
यहां से रोजाना बड़ी संख्या में क्षमता से अधिक लदे ट्रक नेशनल हाइवे से मेगा हाइवे होते हुए जालोर पहुंचते हैं। वहीं गांधव से बाखासर के बीच चल रहे भारतमाला प्रोजेट के लिए बाड़मेर से कंक्रीट भर कर 200 से अधिक ओवरलोड ट्रक धोरीमन्ना होते हुए गुजरते हैं। इनसे कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन अंकुश नहीं लगाया जा रहा।
पुलिस व परिवहन विभाग की कार्रवाई नहीं पुलिस व परिवहन विभाग ओवरलोड वाहन के खिलाफ कार्रवाई कर वाहन सीज कर करने के साथ जुर्माना वसूल सकते हैं। वहीं बार-बार ओवरलोड ट्रक पकड़े जाने पर उसका पंजीकरण भी निरस्त किया जा सकता है। लेकिन यहां हर रोज दो गुना वजन लादकर चल रहे वाहन चालकों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं होती।
ऐसे रहता है वजन का गणित सड़क सुरक्षा की दृष्टि से ट्रक में क्षमता से अंडरलोड ही होना चाहिए, लेकिन यहां 6 टायर ट्रक 18 टन की जगह 40 टन से अधिक, 10 टायर ट्रक 28 टन की जगह करीब 50 टन से अधिक पत्थर, कंक्रीट व बजरी भरकर
बेखौफ दौड़ रहे है।
अभियान में करते हैं लक्ष्य पूरा सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पुलिस व परिवहन विभाग के ज्मिेदार अपना लक्ष्य पूरा कर ज्मिेदारी से पीछा छुड़ा
लेते हैं। इसके अलावा आम दिनों के दौरान यहां ओवरलोड वाहनों को रोकने वाला कोई
नहीं है।
सड़क पर चलना भी मुश्किल मैं रोजाना सिसावा से धोरीमन्ना आवागमन करता हूं। ओवरलोड ट्रकों के चलते सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। छोटे वाहन चालकों को तो ट्रक वाले बिलकुल ही नहीं जानते। कई बार बाल-बाल बचा हूं। सड़क भी टूट चुकी है।
– नारायणराम चौधरी, ग्रामीण बच्चों को सड़क पार करनी पड़ती है ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हमेशा 200 से 250 ट्रक अरणीयाली-सिसावा रोड पर टोल बचाने के चकर में गुजरते हैं। पूरी सड़क उधड़ चुकी है। बच्चों को स्कूल जाते समय सड़क पार कराने जाना पड़ता है।
– निंबाराम, ग्रामीण
रहती है हादसे की आशंका मुख्य चौराहे से रोजाना सैकड़ों ओवरलोड ट्रक गुजरते हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन परिवहन विभाग व पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करते। हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
– सिमरथाराम, सामाजिक कार्यकता कार्रवाई करेंगे
ओवरलोड ट्रकों की समस्या है, समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है। आगे भी विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई करेंगे।
– प्रदीप डांगा, थानाधिकारी, धोरीमन्ना