शहर में हर दिन वाहनों की संख्या में होती बढ़ोतरी व दूसरी ओर यातायात पुलिस की नफरी पहले जितनी ही होने पर यातायात व्यवस्था पटरी से नीचे उतरी हुई है। इस पर हर दिन हजारों राहगीरों, वाहन चालकों को पग-पग परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं, शहर में सैकड़ों नाबालिगों के बगैर लाइसेंस व यातायात नियमों की जानकारी के वाहन चलाने पर आमजन का सुख-चैन छीन गया है। नाबालिग बालक-बालिकाएं यातायात नियमों की जानकारी अभाव में स्वयं की सुविधा अनुसार वाहन चलाते हंै। वहीं कई जने अपनी ही उम्र के दो-तीन साथियों को वाहन पर बिठाकर इसे चलाते हंै। कार्रवाई से बचने के डर से प्रमुख चौराहों पर ये फर्राटे से वाहन लेकर गुजरते हैं। ऐसे में हड़बड़ाहट में दूसरे वाहन चालकों से जा टकराते हंै। इससे होती दुर्घर्टनाओं में चालक, सवार चोटिल होते हैं। कई बार ध्यान भटकने पर से राहगीरों से जा भिड़ते हैं। इस पर आमजन परेशान है। यातायात पुलिस के इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर जागरूक लोगों में रोष है।
गौरतलब है कि यातायात व्यवस्था में सुधार और नाबालिग हाथों में वाहनों की कमान की रोकथाम को लेकर पुलिस ने उनके परिजन व स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद लगा कि पुलिस कठोर कार्रवाई करेगी, लेकिन अभी तक वही लचर रवैया ही चल रहा है। इसके चलते शहर में नाबालिग तेज गति व नियमों को ताक पर रख कर वाहन चला रहा हैं। इसका असर शहर की यातायात व्यवस्था पर नजर आ रहा है।