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कम आवक और बिचौलियों की वजह से बाजार में सब्जी के दाम आसमान पर

locationबाड़मेरPublished: Nov 18, 2019 05:21:06 pm

थोक से सीधे खरीद की जगह बिचौलियों से खरीदने को मजबूर फुटकर व्यापारी, उपभोक्ता तक पहुंचते दो से तीन गुणा हो जाते हैं दाम
 

Vegetable prices in market sky high due low arrivals and middlemen

Vegetable prices in market sky high due low arrivals and middlemen

बाड़मेर. सब्जी की कम आवक तथा थोक और फुटकर व्यापारी के बीच में बिचौलियों के कारण रसोई तक पहुंचते-पहुंचते दाम आसमान छूने लगते हैं। बाड़मेर में बाहर से आने वाली सŽजी मंडी में पहुंचने के बाद थोक के बाद बिचौलिया तथा आखिरी में फुटकर व्यापारी के पास पहुंचती है। इसके बाद उपभो€ता तक पहुंचते समय दाम इतने बढ़ जाते हैं कि आम व्यक्ति तो खरीद ही नहीं पाता है।
जिला मुख्यालय स्थित सŽजी मंडी में ग्रामीण क्षेत्रों सहित जिले के बाहर के कई अन्य स्थानों से सब्जी पहुंचती है। यहां होलसेल व्यापारी सब्जियों के 20 किलो के बैग थोक के भाव में बेचते हैं।
अधिकांश फुटकर व्यापारी सब्जियों के 20-20 किलो के बैग नहीं खरीदते हैं। इसके कारण 20 किलो के बैग मंडी में अस्थायी दुकान लगाने वाले व्यापारी खरीदते हैं।

इन व्यापारियों से फुटकर व्यापारी सŽजी लेता है, जो अपनी बिक्री के अनुसार खरीदता है। ऐसे में बिचौलियों के आने से ग्राहक तक सब्जी मंहगी पहुंच रही है।
– इसलिए नहीं खरीदते थोक से सब्जी

फुटकर व्यापारियों का कहना है कि थोक से खरीदने पर प्रत्येक सŽजी 20-20 किलो लेनी पड़ती है। लेकिन उनकी बिक्री इतनी अधिक होती नहीं कि सभी सब्जिया 20 किलो बिक जाए। ऐसे में बिचौलियों से खरीदने की मजबूरी है। उन्हें भी सब्जियां महंगी मिलती है। थोक में खरीदने पर ये सस्ती पड़ती है।
– कई सब्जियों की आवक पर असर

बाजार में अधिकांश सब्जियां 60 रुपए प्रतिकिलो से अधिक में बिक रही है। इनमें देसी बैंगन, भिंडी व ग्वारफली आदि शामिल है। इनके भाव आसमान छू रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि आवक काफी कम चल रही है। कम आवक वाली सब्जियां मंगवाने के लिए विशेष
ऑर्डर देने पड़ रहे हैं।
– जल्दी खराब होने वाली सब्जी महंगी

व्यापारी बोले मंडी में खरीद के बाद कुछ सब्जियों के पत्ते तथा खराब सब्जी निकालनी पड़ती है। एक खुदरा व्यापारी रोजाना करीब 200 किलो सŽजी खरीदता है। इसमें से 20 से 25 प्रतिशत सŽजी खराब हो जाती है। ऐसे में जल्दी खराब होने वाली सब्जी में मुनाफे का अंतर भी ज्यादा रखना पड़ता है।
– थोक व खुदरा भाव में बड़ा अंतर
सब्जी थोक फुटकर
देसी बैंगन 40 80
बैंगन 20 60
ग्वारफली 40 80
करेला 20 60
आलू 15 20
टमाटर 28 60
लौकी 15 40
पालक 20 50
हरी मिर्च 20 60
ककड़ी 35 80
फूल गोभी 20 60
पāाा गोभी 25 60
शिमला मिर्ची 40 70
हरा ह्रश्वयाज 40 70
(रुपए प्रति किलोग्राम)
रोज 20 फीसदी सब्जी हो जाती है खराब

कुछ सब्जी की आवक कम है। थोक में 20 किलो का बंडल आता है। एक दुकान पर रोजाना इतनी सŽजी नहीं बिकती है। ऐसे में कम चलने वाली सब्जी मंडी में लगे अलग-अलग ठेलों से खरीदते हैं। रोजाना करीब 20
प्रतिशत खराब हो जाती है। ऐसे में सब्जी मंहगी हो जाती है।
– मगाराम, सŽजी व्यापारी

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