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राजस्थानी रेगिस्तान में सात साल भीषण अकाल, फिर भी जल संचयन की इस तकनीक से मिल रहा पानी

locationबाड़मेरPublished: Jun 09, 2019 06:13:06 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

जल संचयन की दिशा दिखा रहा है रेगिस्तान, धोरों के अंचल में मिल रहीं पानी की बेरियां

water conservation technique in Barmer is setting an example for all

water conservation technique in Barmer is setting an example for all

भीख भारती गोस्वामी/ गडरा रोड/ बाड़मेर।

गंगा— यमुना जैसी नदियों के बाद भी उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के कई इलाकों में पेयजल की भयंकर किल्लत चल रही है। ऐसे में राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके से जल संचयन ( Reservoir water news ) की अलग ही तस्वीर सामने आ रही है। रेगिस्तानी इलाकों में न कोई कुआं है, न बावड़ी। नदी — नाले की कल्पना भी संभव नहीं।
– 1750 बेरियां हैं राजस्थान के बाड़मेर जिले में
– 80 से 90 हजार में बनती है एक बेरी

दस साल में से सात साल भीषण अकाल पड़ा फिर भी पेयजल की दिक्कत नहीं हुई। यह करिश्मा हुआ है बेरियों छोटी कुई के कारण।
गडरारोड, शिव और बाड़मेर में 1750 बेरियां हैं। यहां 25—30 फुट की गहराई में पीने योग्य पानी मिल रहा है। इन बेरियों ( water reservoir ) के कारण ही बरसात का पानी जमीन में जाता है और कई स्थानों पर फैल जाता है। यह पानी एक तालाब जितना रहता है।
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पहाड़ों से आए पानी से रिचार्ज होती हैं बेरियां
रामसर में एक तालाब में 55 बेरियां हैं। तालाब से पानी खत्म होने के बाद भी बेरियों से 60 गांव को पूरे साल का पानी मिल जाता है। डेढ़ किलोमीटर दूर पहाड़ों से तालाब तक एक चैनल बनाया गया है। इससे पहाड़ों का पानी आता है, जिससे हर बारिश में तालाब भर जाता है और बेरियां रिचार्ज हो जाती हैं।
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क्या होती हैं बेरियां
लगभग 30 फुट गहरी और 10 फुट के व्यास में छोटी कुई बेरी की खुदाई होती है। धोरे के आगोश में जहां समतल जमीन हो, वहां धोरों से रिसा हुआ और बहाव का पानी बारिश में जमीन में उतरता है। यहीं अधिकांश बेरियां हैं। बाड़मेर जिले में एक लाख की आबादी इससे लाभान्वित हो रही है।
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संरक्षण की जगी आस
पानी बचाने की इस परंपरा को अब सरकारी संरक्षण मिलने की भी उम्मीद जगी है। बाड़मेर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बताया कि मनरेगा के तहत बेरियों को लेकर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। जिले में 1750 बेरियां मिली हैं। 800 का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

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