न्यायालय ने प्रदूषित रासायनिक पानी को नदियों में बहाने पर रोक के आदेश दे रखे हैं, लेकिन जिम्मेदार इसकी पालना नहीं करवा रहे हैं। इसके चलते स्थिति यह है कि पाली के वस्त्र कारखानों से निस्तारित प्रदूषित रासायनिक पानी पाली के बाण्डी नदी होते हुए जोधपुर जिले के देवांदी गांव से लूनी नदी में प्रवेश करता हुआ भाखरी, लोलासणी, लाकड़धूम, धुंधाड़ा से बहता हुआ बाड़मेर के रामपुरा गांव में प्रवेश कर गया है।
जमीन,जल हो रहा खराब- आठ वर्षों से नदी में लगातार बह रहे रासासनिक प्रदूषित पानी से जल खराब हो रहा है। इस पानी से रबी सिंचाई करने से खेतों की जमीन की गुणवत्ता खराब हो रही है। फसल की गुणवत्ता खराब होने के साथ पैदावार भी कम होती है। इससे लूनी नदी किनारे सटे गांवों के हजारों ग्रामीणों की नींद उड़ी हुईहै।
किसानों की जुबानी
लूनी नदी में रासायनिक पानी बहाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। बरसाती पानी तो नहीं, लेकिन दूषित पानी हर वर्ष पहुंच रहा है। यही सिलसिला रहा तो खेती सपना बनकर रह जाएगी।
लूनी नदी में रासायनिक पानी बहाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। बरसाती पानी तो नहीं, लेकिन दूषित पानी हर वर्ष पहुंच रहा है। यही सिलसिला रहा तो खेती सपना बनकर रह जाएगी।
– अजय चौधरी
बाण्डी, लूनी नदी में रासायनिक पानी के बहाव से बहुत चिङ्क्षतत है। हाथों से रोजगार छीन रहा है। सरकार,जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। – पेमाराम सोलंकी न्यायालय आदेश की पालना सुनिश्चित करने को लेकर सरकार, जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। खेती बर्बाद होने पर क्षेत्र में रोजगार का संकट पैदा होगा।
बाण्डी, लूनी नदी में रासायनिक पानी के बहाव से बहुत चिङ्क्षतत है। हाथों से रोजगार छीन रहा है। सरकार,जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। – पेमाराम सोलंकी न्यायालय आदेश की पालना सुनिश्चित करने को लेकर सरकार, जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। खेती बर्बाद होने पर क्षेत्र में रोजगार का संकट पैदा होगा।