समाचार प्रकाशित होते ही प्रदेश के जलदाय मंत्री बी डी कल्ला ने इसे गंभीरता से लेते हुए 23 फरवरी को ही पांच लाख रुपए का ट्युबवेल स्वीकृत कर दिया लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले को फिर ठण्डे बस्ते में डाल दिया। पत्रिका ने इसको पुन: सामने लाया। आखिरकार शनिवार को कार्य पूर्ण हुआ और पानी की पहली धार फूटी तो ग्रामीणों की आंखों में पानी आ गया।
पानी की पहली धार जैसे ही फूटी धीयादेवी सहित महिलाओं की आंखों में पानी आ गया। युवाओं के कदम नाचने लगे, बुजुर्गों ने जयकारे बोले और बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 72 साल से मीलों पैदल चलकर पानी लाने वाली इन महिलाओं के घर के पास ट्युबवेल से 24 घंटे पानी मिलने का तोहफा उनके लिए जीवन का सबसे अनमोल उपहार था।
शुक्रवार रात को ही पानी की पहला परीक्षण हुआ तो ग्रामीणों ने इस खुशी में जागरण कर रातभर भजन किए। सुबह पानी की पूजा के साथ एक दूसरे का मुंह मीठा करवाया।
48 साल से पानी सिर पर ला रही हूं। मीलों पैदल चली हूं। कितने ही लोग आए और गए लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। पत्रिका ने वादा निभाया, मेरी सात पीढि़यां आपका अहसान मानेगी। प्रभारी मंत्री का आभार। – धीयादेवी अकली
21 फरवरी- पानी से रोज की जंग, पाकिस्तान से तो 1965 और 71 में ही लड़े
22 फरवरी- 48 साल से सिर पानी ढो रही धीया की बात करते भर आई आंखे
23 फरवरी- मंत्री ने सुनी धीया की फरियाद अकली में लगेगा ट्युबवेल
16 मार्च- ट्युबवेल के लिए मशीन पहुंची अकली
22 मार्च- अकली की मशीन पहुंच गई अन्यत्र
21 अप्रेल- अकली में नहीं बिजली कनेक्शन, चुनाव बहिष्कार की नौबत
23 अप्रेल- दो पोल खड़े कर वोट ले लिए लेकिन अब तक बिजली का इंतजार
10 मई- अकली में हुआ पानी का परीक्षण
11 मई- अकली में 72 साल बाद फूटी पानी की धार