तीन संतान होने के बाद 6 दिसंबर 2005 को भूणिया निवासी भलमति पत्नी भीखाराम विश्नोई सदराम की बेरी ने नसबंदी करवा दी थी लेकिन 22 जून 2007 को अनचाही संतान हो गई। इसके बाद विभाग के चक्कर काटे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो वर्ष 2010 में अपर जिला न्यायालय में दावा पेश किया। न्यायालय ने 7 अगस्त 2014 को जारी आदेश में महिला को 1 लाख 51 हजार 200 रुपए भरण पोषण भुगतान के आदेश प्रतिवादी जिला कलेक्टर बाड़मेर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर एवं चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भूणियां को करने के आदेश किए। संतान के अठारह साल की आयु तक के लिए क्षतिपूर्ति राशि के रूप में सात सौ रुपये प्रतिमाह की दर से इस राशि का आंकलन किया गया । साथ ही निर्णय की तिथि के बाद भुगतान में देरी किए जाने पर उक्त राशि पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश थे। आदेश को तीन साल गुजर जाने के बावजूद भी अभी तक भुगतान नहीं हुआ है।
30 हजार ही दे सकते है- 30 हजार रुपए अधिकतम विभाग दे सकता है। आज ही एेसे दो मामलों में राजीनामा किया गया है। यह मामला
ध्यान में नहीं है। प्रार्थी जानकारी दे दे जो संभव मदद होगी की जाएगी। नियमानुसार आदेश की पालना होगी।-
डा. कमलेश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी -2005 में करवाई नसंबदी
– 2007 में हो गई अनचाही संतान – 2010 में किया गया दावा
– 2014 में तो न्यायालय ने भी दे दिया था आदेश – 1 लाख 51 हजार देने के किए थे आदेश
– 30 हजार ही दे सकता है विभाग