धरने को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा कि रिफाइनरी के आने से पहले स्थानीय लोगों में खुशी थी, लेकिन यहां काम करने आई कंपनियों ने मनमानी करते हुए लोगों के सपनों पर पानी फेर दिया। स्थानीय लोगों को काम नहीं दिया जा रहा है, अगर किसी एकाध काम दिया है तो उसका नाजायज तरीकों से शोषण करके परेशान कर रहे है। कंपनियों से मांगों को मनवाने के लिए आपको संघर्ष कर ईंट से ईंट बजानी होगी। मैंने हमेशा गरीब, मजदूर की पैरवी की। एक जाजम पर बैठने के बाद सभी संगठित रहे। इस दौरान जिला परिषद सदस्य उम्मेदाराम बेनीवाल, मनीष चौधरी, ठाकराराम गोदारा, अमराराम बेनीवाल, मीर मोहमद, धनसिंह मौसेरी, खेताराम कॉमरेड, हेमंत भाटिया समेत कई जने मौजूद थे।
6 घंटे की बैठक में कई मांगों पर बनी सहमति- दोपहर एक बजे रिफाइनरी के अंदर अतिरिक्त जिला कलक्टर ओमप्रकाश विश्नोई, जिला प्रमुख महेन्द्र चौधरी, वृत्ताधिकारी धनफूल मीणा, थानाधिकारी प्रदीप डांगा समेत परिवहन विााग व श्रम विभाग के अधिकारियों के अलावा स्थानीय लोगों का प्रतिनिधिमंडल और एचपीसीएल अधिकारियों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा को लेकर बैठक शुरू हुई।
6 घंटे की बैठक में कई मांगों पर बनी सहमति- दोपहर एक बजे रिफाइनरी के अंदर अतिरिक्त जिला कलक्टर ओमप्रकाश विश्नोई, जिला प्रमुख महेन्द्र चौधरी, वृत्ताधिकारी धनफूल मीणा, थानाधिकारी प्रदीप डांगा समेत परिवहन विााग व श्रम विभाग के अधिकारियों के अलावा स्थानीय लोगों का प्रतिनिधिमंडल और एचपीसीएल अधिकारियों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा को लेकर बैठक शुरू हुई।
बैठक में वाहनों का किराया 30 फीसदी बढ़ाने, स्थानीय मजदूरों को केन्द्र सरकार के नियमों के हिसाब से मजदूरी देने, स्थानीय योग्य ठेकेदारों का ईआइएल में पंजीयन करने, प्रभावित नमक खानों के मालिकों को न्यायालय के आदेशों के अनुसार मुआवजा देने, 70 फीसदी स्थानीय श्रमिकों को रोजगार देने की प्रमुख मांगों पर सहमति बनी।