क्यों बंटे है यह परिवार
सवाल उठता है कि इतना दर्द है तो यह परिवार दो मुल्कों में क्यों बंटे है? जवाब है कि बंटवारे ने इन परिवारों को अलग कर दिया। जमीन जायदाद जहां थी परिवार वहां रह गए। फिर रिश्तेदारी का सवाल आया तो अपने गौत्र में शादियंा नहीं होती,लिहाजा भारत में बसे परिवारों को पाकिस्तान और पाकिस्तान में बसे परिवारों को भारत आना जाना जरूरी हो गया है।
धर्म परिर्वतन नहीं कर रहे
ये परिवार पाकिस्तान में जुल्म सहने के बावजूद भी इतने हिन्दूवादी है कि अपना धर्म नहीं बदल रहे है। गैर हिन्दू मुल्क में रहकर भी इन लोगों ने अपने वजूद को अभी तक नहीं खोया है। इसलिए ये भारत आना-जाना और रिश्तेदारी को बदस्तूर जारी रखे हुए है।
एक्सपर्ट व्यू
खोल दो थार का रास्ता
थार एक्सप्रेस रिश्तों की रेल रही है। यह रास्ता परिवारों को जोड़ता था। सिंध, उमरकोट और सांगड़ के लोगों की रिश्तेदारी बाड़मेर-जैसलमेर में सर्वाधिक है। इन परिवारों के लिए यह रास्ता भारत सरकार खोल दे। जब बाघा बॉर्डर खुला हुआ है तो थार एक्सप्रेस के लिए क्या मुश्किल है। यह तो शांत बॉर्डर है। यहां लोग रिश्ते निभाने आएंगे।– हिन्दूसिंह सोढ़ा, सीमांत लोक संगठन