ये है नियम-कायदा- राजस्थान भू-राजस्व विभाग के नियमों के अनुसार गैरमुमकिन पहाड़ के खसरे का किसी भी प्रकार से व्यावसायिक प्रयोनार्थ उपयोग नहीं किया जा सकता है। गैर मुमकिन पहाड़ के साथ ही गोचर भूमि, नदी-नालों, गवई पिचके, तालाब के नाम से दर्ज भूमियों पर भी औद्योगिक गतिविधियों का संचालन पूरी तरह अवैध है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत ने नियमों के विपरित एक फर्म को किस आधार पर गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन को एक-दो ही बल्कि छह माह के लिए किराए पर दी।
किराए पर दी – असाड़ा गांव के पहाड़ी क्षेत्र में एक बीघा जमीन एक कंपनी को ग्राम पंचायत ने छह माह के लिए किराए पर दी है। इससे पंचायत को राजस्व की आमदनी होगी। – कमलेश पटेल, सरपंच असाड़ा
राज्य सरकार का स्वामित्व, ग्राम पंचायत का नहीं हक- गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन एक नंबर खाते में आती है। इस जमीन पर केवल राज्य सरकार का स्वामित्त्व होता है। इस जमीन से संबंधित पूरी जिम्मेदारी तहसीलदार के पास होते है। गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन पर ग्राम पंचायत का कोई हक नहीं होता है। – अचलाराम थोरी, एडवोकेट बालोतरा