बाड़मेर

बिना इजाजत ग्राम पंचायत ने दे दी सरकारी जमीन किराए पर

असाड़ा ग्राम पंचायत ने नियम विरुद्ध सरकारी जमीन सौंपी किराए पर
– गैर मुमकिन पहाड़ी जमीन पर ग्राम पंचायत का नहीं होता हक- एक फर्म को सौंपी छह माह के लिए किराए पर
 

बाड़मेरDec 08, 2019 / 09:54 pm

Dilip dave

बिना इजाजत ग्राम पंचायत ने दे दी सरकारी जमीन किराए पर


बालोतरा.असाड़ा गांव के पहाड़ी इलाके में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर मशीनरी लगाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ। असाड़ा ग्राम पंचायत ने नियमों को दरकिनार करते हुए गैर मुमकिन पहाड़ी क्षेत्र की 1 बीघा सरकारी बेशकीमती जमीन को मनमर्जी से एक फर्म को छह माह के किराए के लिए सौंप दी, जबकि नियमानुसार गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन पर ग्राम पंचायत का किसी भी प्रकार से कोई स्वामित्त्व नहीं होता है। गैर मुमकिन पहाड़ किस्म की जमीन सरकारी खाते में आती है। इस जमीन से संबंधित पूरी जिम्मेदारी तहसीलदार की होती है। ग्राम पंचायत नियमों के अनुसार गैर मुमकिन पहाड़ी जमीन को आगे किराए पर नहीं दे सकती है। गौरतलब रहे कि रिफाइनरी में मूंगिया व कंक्रीट की मांग बढऩे के बाद एक रिफाइनरी में कार्य करने वाली एक फर्म ने असाड़ा गांव की सरहद में स्थित एक लीजधारक से सांठगांठ कर वहां पर सरकारी जमीन पर मशीनरी व क्रेशर प्लांट स्थापित कर दिया था। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर खुलासे दिए थे।
ये है नियम-कायदा- राजस्थान भू-राजस्व विभाग के नियमों के अनुसार गैरमुमकिन पहाड़ के खसरे का किसी भी प्रकार से व्यावसायिक प्रयोनार्थ उपयोग नहीं किया जा सकता है। गैर मुमकिन पहाड़ के साथ ही गोचर भूमि, नदी-नालों, गवई पिचके, तालाब के नाम से दर्ज भूमियों पर भी औद्योगिक गतिविधियों का संचालन पूरी तरह अवैध है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत ने नियमों के विपरित एक फर्म को किस आधार पर गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन को एक-दो ही बल्कि छह माह के लिए किराए पर दी।
किराए पर दी – असाड़ा गांव के पहाड़ी क्षेत्र में एक बीघा जमीन एक कंपनी को ग्राम पंचायत ने छह माह के लिए किराए पर दी है। इससे पंचायत को राजस्व की आमदनी होगी। – कमलेश पटेल, सरपंच असाड़ा
राज्य सरकार का स्वामित्व, ग्राम पंचायत का नहीं हक- गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन एक नंबर खाते में आती है। इस जमीन पर केवल राज्य सरकार का स्वामित्त्व होता है। इस जमीन से संबंधित पूरी जिम्मेदारी तहसीलदार के पास होते है। गैर मुमकिन पहाड़ी किस्म की जमीन पर ग्राम पंचायत का कोई हक नहीं होता है। – अचलाराम थोरी, एडवोकेट बालोतरा
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