इसमें उसमें बाड़मेर जिले के आधा दर्जन बेटे मरीजों की सेवा में जुटे हुए है। ये युवा कोरोना से संबंधित अलग-अलग यूनिटों में ड्यूटी कर रहे है। कोरोना वारिसर्य पश्चिमी सीमा के इन बेटों में से कईयों की तो बाड़मेर की ढाणियों में रह रहे अपने परिवार वालों से नेटवर्क नहीं मिलने से विडियो कॉलिंग भी नहीं हो रही लेकिन वे कहते है कि हम जिनकी सेवा कर रहे है, उनकी दुआएं साथ हैै।
हमारे परिवार की हमें फिक्र नहीं। इसके अलावा एम्स दिल्ली, भुवनेश्वर, भोपाल, जोधपुर, ऋषिकेश में कई युवा कोरोना वॉरियर्स के रुप में ड्यूटी है। होडू के मोहन कोरोना पॉजीटिव की सेवा में सफदरजंग अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर होडू निवासी मोहनलाल चौधरीके पिता किसान है। मोहन कहते है कि मेरी ड्यूटी कोरोना पॉजीटिव मरीजों की यूनिट में है। इस दौर में हमें अपनी ड्युटी का धर्म निभाना है। परिवार की फिक्र हमें इसलिए नहीं है कि हमें मालूम है वो बहुत मजबूत है। सिणधरी तहसील के खारा महेचान निवासी चूनाराम जाट नर्सिंग ऑफिसर है।
सफदरजंग अस्पताल में कोरोना के लिए आरक्षित सुपर स्पेशयलिटी यूनिट में ड्यूटी है। चूनाराम के पिता कृषक है, जिन्हें बेटे पर गर्व है। एम्स भुवनेश्वर में नर्सिंग ऑफिसर बायतु के हीरा की ढ़ाणी निवासी छगनलाल धतरवाल कोरोना वॉरियर्स के रुप में सेवाएं दे रहे है।
इनका पूरा परिवार ढ़ाणियों में रहता है। गांव में मोबाइल नेटवर्क कम होने के चलते कॉल से ही परिजनों से बात हो पाती है। कभी-कभार ही वीडियोकॉल से बात होती है। बायतु निवासी दमाराम मेघवाल भोपाल एम्स में, गोदारो की ढ़ाणी पचपदरा निवासी नितेश गोदारा एम्स ऋषिकेश में,चौहटन आगोर निवासी भजनलान बिश्नोई, सवाऊ पदमसिंह निवासी तिलोक सारण एम्स जोधपुर में कोरोना के मरीजों की सेवा में है।
शिक्षक पिता कहते है- बेटा यही बड़ी शिक्षा भूरटिया निवासी निंबाराम डऊकिया भी सफदरगंज की कोरोना यूनिट में है। निंबाराम के पिता शिक्षक है।ं बायतु तहसील के नौसर गांव निवासी मगराज बांगड़वा नर्सिंग ऑफिसर है। मगराज के पिता भी शिक्षक है। मगराज ने बताया कि दिल्ली में साथियों के साथ रहते है।
घरवालों से वीडियो कॉल से बात होती है। तब घरवाले कुशलछेम पूछते है तथा स्वयं का ध्यान रखने की हिदायत देते है। हमारे यहां ड्यूटी करने से वे भी गर्व महसूस कर रहे है। वे कहते है यही बड़ी शिक्षा है।
ट्रक चालक पिता, बेटा ऑफिसर बालोतरा के टापरा निवासी भैरुलाल थोरी सफदरजंग अस्पताल के कोरोना यूनिट में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के रुप में पदस्थापित है। भेरुलाल के पिता ट्रक मालिक है। भेरुलाल ने बताया कि लॉक डाउन के चलते उसके पिता घर पर है।
खेती से जुड़े कार्य कर रहे है। वीडियो कॉल से घरवालों से बात हो जाती है। बालोतरा निवासी मुकेश भाटी सफदरजंग अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के रुप में कार्यरत है। हमारी बेटी भी..
बाड़मेर के बलदेव नगर निवासी गीता चौधरी दिल्ली एम्स में कोरोना यूनिट में नर्सिंग ऑफिसर के रुप में ड्यूटी कर रही है। गीता के पिता अणदाराम बाड़मेर के जिला चिकित्सालय में प्रथम श्रेणी मेल नर्स है।
गीता ने बताया कि सेवा के उद्देश्य से चिकित्सा क्षेत्र का चयन किया। इन विकट परिस्थितियों में मरीजों का उपचार करने से अच्छी अनुभूति हो रही है।