जयपुर

यूट्यूब पर व्यूज नहीं मिले तो गिवअप मत कीजिए,जरूरी नहीं कि रातोंरात सफलता मिल जाए

यूट्यूबर बनने के लिए किसी स्टूडियो की जरूरत नहीं, हाई टेक गैजेट्स नहीं चाहिए। बस मोबाइल उठाइए, शूट कीजिए और यूट्यूबर बनने के लिए तैयार हो जाइए

जयपुरMar 01, 2017 / 11:20 am

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 यूट्यूबर बनने के लिए किसी स्टूडियो की जरूरत नहीं, हाई टेक गैजेट्स नहीं चाहिए। बस मोबाइल उठाइए, शूट कीजिए और यूट्यूबर बनने के लिए तैयार हो जाइए। हालांकि यह जरूरी नहीं कि रातोंरात सफलता मिल जाए, लेकिन यदि आपका काम कंसिस्टेंट है, कंटेंट बेहतर है और अलग है तो आप सफल जरूर होंगे। 
 शहर में यूट्यूब कैम्पेन ‘सी समथिंग न्यू के तहत आए यूट्यूब सुपरस्टार्स ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसे फुलटाइम कॅरियर के तौर पर चुन सकते हैं, लेकिन इसके रेवेन्यूज में उतार-चढ़ाव आ सकता है, जैसा नोटबंदी के समय हुआ, क्योंकि तब यूट्यूब को इतने एड नहीं मिल रहे थे। इसलिए इसे पैशन के तौर पर चुनें। 
यूट्यूब के हैड एंटरटेनमेंट सत्या राघवन ने बताया कि 2013 तक यूट्यूब पर ट्रेडिशनल मीडिया कंटेंट ही डाला जाता था। 2014 में दिल्ली जैसे शहरों से वीडियो अपलोड किए जाने लगे। फिर पिछले साल तो क्रांतिकारी दौर आया। नॉर्थ ईस्ट, पंजाब और यूपी के शहरों से यूट्यूबर आने लगे। उन्होंने कहा कि हर 10 में से 7 यूजर मोबाइल पर वीडियो देख रहा है। इनमें से 55 प्रतिशत यूट्यूब मोबाइल यूजर है। 
टियर टू सिटीज में 230 प्रतिशत ग्रोथ का ट्रेंड देखा जा रहा है। 90 प्रतिशत तक वीडियो अपलोडर बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि यूट्यूब वीडियो अपलोडर को एक एड का बड़ा हिस्सा रेवेन्यू के तौर पर देता है। एेसे में यहां कॅरियर की भी काफी संभावना है, लेकिन कई यूट्यूबर दूसरा काम भी करते हैं। वेबकैम से पोस्ट किया पहला वीडियो: शर्ली 
यूट्यूब पर सबसे यंग हिट सिंगर के तौर पर पहचान बना रही शर्ली ने बताया कि वे दमन में पैदा हुईं और सात साल की उम्र में ऑकलैंड शिफ्ट हो गई। अप्रेल 2013 को ‘तुम ही हो सॉन्ग अपनी आवाज में यूट्यूब पर पोस्ट किया था। 
खास बात यह थी कि इसे वेबकैम से शूट किया था। इस वीडियो को 21 लाख से ज्यादा व्यूज मिले। इसके बाद जब वे 2015 में इंडिया आई तो हैदराबाद के एक मॉल में उनके लिए कई फैन इकट्ठा हो गए।
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