नीम के पेड़ पर गिरी बिजली, फटा तना
शुक्रवार रात को तेज हवाओं और गरज के साथ बारिश के दौरान शहर के माली मोहल्ले से आगे एक खेत में नीम के पेड़ पर बिजली गिरी। बिजली गिरने से नीम के पेड़ का तना फट गया। यहां पेड़ पर हुए वज्रपात से नीम के पेड़ की छाल 20 फीट दूर तक जाकर गिरी। वहीं पेड़ के पास रखे पत्थर भी बिखर गए। यहां के रहवासियों ने बताया जिस समय बिजली गिरी, उस दौरान बहुत तेज आवाज से सभी डर गए। हालांकि बिजली गिरने से कोई जनजानि नहीं हुई है।
नाले रहे उफान पर, सड़कों पर पानी
शुक्रवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश से शहर का मुख्य नाला उफान पर रहा। नाले में पानी आ जाने से शहर के कालिका माता मंदिर मार्ग से आवाजाही बंद हो गई। तेज बारिश के बाद कारगिल चौराहा से लेकर पालाबाजार, नाला मार्ग व राधा मार्केट, पानी की टंकी तक सड़कों पर डेढ़ से दो फीट तक पानी जमा हो गया। इस दौरान यहां एक कार भी नाले में बह गई। पानी कम होने के बाद कार को जेसीबी की सहायत से नाले से निकाला गया। यहां लोगों की खासी भीड़ जमा हो गई।
24 घंटे में 56.1 मिमी हुई वर्षा
इस मानसून सत्र में अभी तक की सबसे तेज वर्षा कल शाम को बड़वानी नगर में देखने को मिली, डेढ़ घंटे में सवा 2 इंच (56.1 मिलीमीटर) के लगभग पानी गिरा। भू अभिलेख कार्यालय के अधीक्षक मुकेश मालवीय से प्राप्त जानकारी अनुसार विगत 24 घंटे में वर्षा मापी केंद्र बड़वानी में 56.1 मिलीमीटर वर्षा, अंजड़ में 26 मिलीमीटर वर्षा, ठीकरी में 1 मिलीमीटर वर्षा, पानसेमल में 9 मिलीमीटर वर्षा एवं निवाली में 8 मिलीमीटर वर्षा हुई है। जबकि इस दौरान वर्षा मापी केंद्र पाटी, राजपुर, सेंधवा, चाचरियापाटी, वरला में कोई भी वर्षा दर्ज नहीं हुई है। भू अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार इस मानसून सत्र में अभी तक वर्षा मापी केंद्र बड़वानी में 667.3 मिलीमीटर वर्षा, पाटी में 695 मिलीमीटर वर्षा, अंजड़ में 303 मिलीमीटर वर्षा, ठीकरी में 585.2 मिलीमीटर वर्षा, राजपुर में 707 मिलीमीटर वर्षा, सेंधवा में 921 मिलीमीटर वर्षा, चाचरियापाटी में 907 मिलीमीटर वर्षा, वरला में 690.3 मिलीमीटर वर्षा, पानसेमल में 1100 मिलीमीटर वर्षा, निवाली में 933 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
नाले पर निर्माण से खड़ी हुई परेशानी
शहर के बीच से गुजर रहे नाले पर हुए निर्माण से परेशानी खड़ी हो रही है। बारिश के दौरान राधा मार्केट से झंडा चौक-रणजीत चौक तक पानी का बहाव कम हो जाता है। ऐसे में बारिश का पानी लोगों के घरों के ओटलों तक पहुंच जाता है। ऐसे में लोगों को डर बना रहता है।