जानकारी के अनुसार बड़वानी जिले के चेरवी थाना क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले ग्राम बोरकुंड में एक भीषण अग्नि हादसा हो गया है, ग्रामीण राजाराम नरगांवे अपनी पत्नी के साथ ही घर के पास कुआ खोद रहे थे, उस समय उनके तीन बच्चे घर पर ही थी, घर पूरा झोपड़ी नुमा था, जिसमें दीवारें कम और झाडिय़ों की दीवार अधिक थी, ऐसे में चूल्हे की चिंगारी की वजह से झोपड़ी ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
जब कुआ खोद रहे माता-पिता को धुआं उठता नजर आया तो वे कुए से बाहर निकले, लेकिन तब तक आग भपक चुकी थी और बच्चे आग की चपेट में आ चुके थे, वे दोनों बच्चों को बचाने के लिए काफी कोशिशें भी करने लगे, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि वे अपने बच्चों को बचा नहीं सके, देखते ही देखते उनके बच्चे उनकी आंखों के सामने जिंदा जल गए और कुछ ही देर बार सबकुछ जलकर खाक हो गया।
पांच जानवरों की भी हो गई मौत
इस हादसे में जहां एक तरफ राजाराम के बेटे मुकेश (10), राकेश (8) और आकेश (6) वर्ष की मौत हो गई, वहीं दूसरी तरफ झोपड़ी के पास बंधे 4 बकरी और एक बेल की भी मौत हो गई, देखते ही देखते राजाराम का सबकुछ जलकर खाक हो गया। ये वाक्या जिसने भी सुना उसकी आंखों से आंसू छलक उठे।
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा, पुलिस प्रशासन द्वारा की गई पूछताछ में राजाराम ने बताया कि वह और उसकी पत्नी ने सोमवार सुबह खाने खाने के बाद कुआ खोदने के लिए चले गए थे, कुआ घर से करीब 200 मीटर दूर था, जहां करीब 12 फीट गहरे कुए में उतरकर कुआ खोद रहे थे, जब बच्चों के रोने की आवाज आने लगी तो बाहर निकलकर देखा तो धुआं भी उड़ता नजर आ रहा था, हम तुरंत घर पहुंचे तो वहा आग लगी थी, आग बुझाने और बच्चों को बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन तब तक सबकुछ जलकर खाक हो गया था। ग्रामीण के पास अब सिर्फ तन पर जो कपड़े पहने थे वही बचे थे।
इस मामले में जानकारी मिलने पर कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग, जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंत सिंह पटेल एवं एसडीएम घनश्याम धनगर मौके पर पहुंचे। इस घटना पर कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने भी दुख व्यक्त किया, आग के कारण हुए हादसे के चलते कलेक्टर ने 30 हजार रुपए की राशि का चेक रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से दिया है। इसी के साथ आरबीसी 6(4) की धारा के तहत तीनों बच्चों की मौत होने व अन्य नुकसान के चलते करीब 13 लाख 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता तथा राशि स्वीकृत की गई।