टीनशेड की बिजली कटने के बाद प्रभावितों की सुध लेने कोई नहीं तैयार, बिना पुनर्वास के उजड़े लोगों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना
बड़वानी•Nov 22, 2020 / 07:50 pm•
vishal yadav
350 families of 9 drowned villages in darkness for 6 days
बड़वानी. सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर से प्रभावित पांच डूब गांवों के साढ़े तीन सौ के आसपास परिवार पिछले छ: दिनों से टीनशेड में अंधेरे के बीच रह रहे हैं। पाटी नाका स्थित टीनशेड की बिजली कट जाने के बाद यहां बिजली शुरू करवाने के लिए किसी ने भी इनकी सूध अब तक नहीं ली है। बेघर हुए इन डूब प्रभावितों का दर्द न तो जनप्रतिनिधियों को दिखाई दे रहा है और ना ही एनवीडीए के जिम्मेदार अधिकारी इनकी परवाह कर रहे हैं।
बिना पुनर्वास के आई डूब के कारण इन प्रभावितों के गांव और घर बर्बाद हो चुके हैं। दो सालों से टीनशेड में रह रहे ये प्रभावित परिवार समस्याओं के बीच अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। प्रशासन न तो इनके पुनर्वास करने कोई प्रयास कर रहा है और न ही इन्हें हो रही समस्याओं पर उसका ध्यान है। ऐसे में डूब प्रभावितों गांवों के ये लोग दुविधाओं के बीच मजबूरी भरा जीवन जी रहे हैं। पाटी नाका स्थिति टीनशेड में वर्तमान में राजघाट, पिछोड़ी, नंदगांव, इकलरा, सेगांव, पेंड्रा, अवल्दा, धनोरा व मोहीपुरा के डूब प्रभावित रह रहे हैं।
निष्ठुर हो गया है प्रशासन, संवेदनाएं भूले
डूब प्रभावितों को लेकर प्रशासन का निष्ठुर रवैया देख ऐसा लगता है कि प्रशासन की संवेदनाएं डूब प्रभावितों के दर्द को समझ ही नहीं पा रही हैं। इतने दिनों से अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ डूब गांवों के बेघर हुए लोग अंधेरे में रह रहे हैं। बिजली कटने के बाद से एनवीडीए के अधिकारी भी इनकी परवाह नहीं कर रहे हैं। टीनशेड में रह रहे सैकड़ों परिवार अंधेरे के आगोश में यातनाओं भरा जीवन जीने को मजबूर हैं। इतना सब होने के बाद अपने अधिकारों को लेकर इनका जो जज्बा बना हुआ है, वो काबिले तारीफ है। जज्बा बनाए रखने के अलावा इनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं बचा है। अब ये यहां से जाएं भी तो कहां जाए। बैक वाटर की डूब के आगोश में इनके गांव और घर पहले ही समां चुके हैं।