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भवन से निकलकर आंगन में आई आंगनवाडिय़ां

locationबड़वानीPublished: Dec 08, 2018 11:01:17 am

जर्जर भवनों में कैसे निखरेगा नौनिहलों का भविष्य, सैकड़ों आंगनवाड़ी किराये के भवनों में हो रही संचालित, कई माह से नहीं मिला आंगनवाडिय़ों का किराया

Anganwadis coming out of the courtyard in the courtyard

Anganwadis coming out of the courtyard in the courtyard

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. बच्चों में शिक्षा की नींव डालने वाले आंगनवाड़ी भवनों के हाल बेहाल हो रहे है।जर्जर भवनों चल रहे आंगनवाड़़ी भवनों में नौनिहालों का भविष्य कैसे निखरेगा ये भी एक बड़ा सवाल है। शासन के पास आंगनवाडिय़ों को संवारने की कोई योजना नजर नहीं आ रही है।यहां तक कि सैकड़ों आंगनवाडिय़ों के लिए तो विभाग के पास भवन भी नहीं है। 200 से ज्यादा आंगनवाडिय़ां किराये के भवनों में संचालित हो रही है, जिनका किराया भी पिछले छह माह से लेकर दो साल तक का बकाया है। शहर में ही ये हालात है कि किराया नहीं मिलने से मकान मालिक भवन खाली कराने में लगे हुए है। एक आंगनवाड़ी तो लोगों के ओटलों पर संचालित हो रही है। पत्रिका ने जब शहर की कुछ आंगनवाडिय़ों का जायजा लिया तो हकीकत सामने आई।
आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 2
ये है शहर के वार्ड क्रमांक तीन का आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 2, यहां 120 बच्चे 0 से 3 वर्ष के दर्ज हैं। पिछले 17 माह से आंगनवाड़ी का किराया नहीं दिया गया। जिसके बाद करीब साल भर पहले भवन मालिक ने आंगनवाड़ी को खाली करा लिया। तब से आंगनवाड़ी सहायिका अर्चना शिंदे यहां-वहां बच्चों को बैठाकर शिक्षा दे रही है। विभाग इस आंगनवाड़ी को किराये के भवन में संचालित होना बता रहा है। जबकि सहायिका कह रही है कि मांगलिक भवन में लगाएंगे, लेकिन उसका काम बाकी है।
आंगनवाड़ी क्रमांक 15
ये है वार्ड क्रमांक 15 का आंगनवाड़ी क्रमांक 15, यहां 200 बच्चे आंगनवाड़ी में दर्ज है। इस आंगनवाड़ी भवन का भी पिछले डेढ़ साल से भवन मालिक को किराया नहीं दिया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भगवती मुकाती और सहायिका रिंकू चौहान द्वारा जैसे तैसे इस आंगनवाड़ी का संचालन किया जाता है। भवन मालिक के किराया मांगने पर कार्यकर्ता और सहायिका द्वारा समय मांग लिया जाता है। लंबा समय गुजरने के बाद भवन मालिक भी जबाव देने लगा है।
आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक एक
ये है वार्ड क्रमांक 12 का आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक एक, यहां 76 बच्चे दर्ज है।इस भवन का भी किराया पिछले दो साल से नहीं दिया गया है।आंगनवाड़ी कार्यकर्तासुधा वर्मा और सहायिक परवीन को भवन मालिक बार-बार किराये का तकादा लगा रहा है। यहां तक कि किराया नहीं मिलने पर भवन खाली कराने की बात भी भवन मालिक कह चुका है। कार्यकर्ता ने बताया इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फैक्ट फाइल…
1784 आंगनवाडिय़ां जिले में कुल।
1294 विभाग के भवनों में, अधिकतर जर्जर।
251 आंगनवाडिय़ां अन्य शासकीय भवनों में।
239 आंगनवाडिय़ां चल रही किराये के भवनों में।
एग्रीमेंट नहीं होने से रोका किराया
कुछ आंगनवाडिय़ों में किराये की समस्या जरूर आ रही है। इसके लिए कार्यकर्ता को मकानमालिक से एग्रीमेंट कराने को भी कहा है। जिनका एग्रीमेंट बन गया है, उनका किराया दे रहे है। शहरी क्षेत्र में विभाग को आंगनवाड़ी भवन बनाने की अनुमति नहीं है।
-अब्दुल गफ्फार खान, जिला परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।

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