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निजी मकान में संचालित हो रही आंगनवाडिय़ां

locationबड़वानीPublished: Dec 29, 2018 11:04:07 am

योजनाओं के क्रियान्वयन में परेशानी, मकान मालिक बोले नहीं मिलता समय पर किराया

Anganwadis operating in a private house

Anganwadis operating in a private house

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
अंजड़. गर्भवती महिलाओं व बच्चों का कुपोषण दूर करने वाले आंगनवाड़ी केंद्र खुद ही किराए के मकानों में संचालित हो रहे है। नगर के सभी आंगनवाड़ी केंद्र खुद के भवन से वंचित हैं। किराए के मकान में आंगनवाडिय़ों के संचालन में विभाग को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है, लेकिन विभाग इस व्यवस्था को शासकीय जमीन की कमी के चलते मजबूरी में फिलहाल काम चलाने की बात कहता है। कुछ एक आंगनवाड़ी कंद्र तो इतने छोटे है कि एक टेबल कुर्सी भी ठीक से नहीं लगा सकते है।
मिली जानकारी अनुसार अभी तक किसी भी जवाबदार अधिकारी ने इस ओर पहल नहीं की है। नगर अंजड़ में 1 से 15 वार्ड तक कुल 17 आंगनवाड़ी केंद्र किराए के मकानों में संचालित हो रहे है। जहां पर गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कुपोषण से बचाने के कार्यक्रम आए दिन संचालित होते है, लेकिन पूरे नगर में संचालित 17 आंगनवाड़ी केंद्रों से 15 किराए के भवन में संचालित हो रहे है। वहीं 2 केंद्र धर्मशालाओं (मांगलिक भवन) में चलाए जा रहे है, जो शादी आदि कार्यक्रम होने पर खाली करने पड़ते है। किराए के भवनों में संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों पर शासन की योजनाओं का ठीक से क्रियांवयन नहीं हो पा रहा है। इससे जिले में कुपोषण मिटाने में उतनी सफलता नहीं मिल पा रही है। वार्ड 1 से 15 तक की आंगनवाडिय़ोंं कि बैठक व्यवस्था और सामान का मुआयना करने पर ये पाया गया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसे-तैसे वहां समय गुजारने को मजबूर हो रही है।
संचालित नहीं हो पा रही योजनाएं
किराए के भवनों में संचालित हो रहे आंगनवाड़ी केंद्रों की भी अपनी परेशानियां है। जानकारी के अनुसार कई मकान मालिक अपनी शर्तों पर ही आंगनवाड़ी के लिए भवन किराए पर देते है। कुछ एक महिनों से अटके अपने किराए की किश्त कि राह तक रहे है। इनमें दीवारों पर पेंटिंग या लिखावट ना करना शामिल होता है, तो बच्चों को लेकर कुछ खास निर्देश भी। ऐसे में कई योजनाओं के संचालन में कार्यकर्ताओं को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही विभाग को आंगनवाड़ी केंद्र कभी भी खाली कराए जाने का टेंशन भी रहता है, लेकिन आंगनवाड़ी संचालित करने की मजबूरी में विभागों सबकुछ झेलना पड़ता है।
नहीं मिल पा रही जमीन
नगर में अधिकांश आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित है। हैरत की बात ये है कि नगर में संचालित एक भी आंगनवाड़ी को शासकीय आंगनवाड़ी को शासकीय जमीन नसीब नहीं हो पा रहा है। जानकारी के मुताबिक एक आंगनवाड़ी के लिए कम से कम 600 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होती है। विभाग की मानें तो नगरी क्षेत्र में कहीं इतनी भी सरकारी जमीन नहीं है कि वहां आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जा सके।
पत्रिका ने पूर्व में उठाया था मुद्दा
किराए के भवन में संचालित 15 इस पूरे मामले पर गौर करें तो पत्रिका समाचार ने 26 सितंबर 2018 को कलेक्टर अजित तोमर के सामने उनके दस्तक अभियान के तहत जिले के भ्रमण कार्यक्रम में अंजड़ आंगनवाडिय़ों के निरीक्षण करने के दौरान प्रमुखता से उठाया था। तब कलेक्टर ने मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी और सीएमओ अंजड़ से जानकारी लेकर पत्रिका को बताया था कि आंगनवाडिय़ों के लिए जगह चिह्नित कर दी गई है और शासकीय जमीन पर आंगनवाडिय़ों का नवनिर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा, लेकिन आज इस पर कोई भी गतिविधि नहीं की गई है।
ये है स्थिति
नगर में कुल आंगनवाड़ी केंद्र : 17
पिछड़े क्षेत्र में : 10
शहरी क्षेत्र में : 7
वर्जन…
वार्ड में आंगनवाड़ी बनना चाहिए। गरीब वर्ग के बच्चे जगह के अभाव में शिक्षा से वंचित तो हो रहे है और साथ ही कुपोषण के शिकार भी होते जा रहे है।
-शरद ठाकुर, वार्ड 2 के निर्दलिय पार्षद
नगर की सभी आंगनवाडिय़ों के भवन बनाने के लिए अभी तक कोई जगह चिह्नित नहीं की गई है।
-अमरदास सेनानी, सीएमओ नगर परिषद अंजड़
अंजड़ में सभी वार्डों की 15 आंगनवाडिय़ों के लिए अलग-अलग भवन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। बजट जैसे ही स्वीकृत होगा। निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे।
-अब्दुल गफ्फार, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

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