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राजस्व के गबन में सहायक निरीक्षक और नपा में छापा, विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई

locationबड़वानीPublished: Jun 27, 2018 10:45:23 am

रसीद कट्टों सहित कई दस्तावेज लिए जब्ती में, विजिलेंस के शक के दायरे में कई नाम, सोमवार शाम से शहर में घुम रही थी विजिलेंस टीम

Assistant inspector and revenue raid in the embezzlement of revenue

Assistant inspector and revenue raid in the embezzlement of revenue

बड़वानी. नगर पालिका बड़वानी की राजस्व शाखा में हुए करोड़ों के गबन पर विजिलेंस की कार्रवाई हुई है। सोमवार शाम से शहर में घुम रही विजिलेंस टीम ने मंगलवार को सुबह गबन के आरोपी सहायक राजस्व निरीक्षक सतीश नामदेव के घर पर पहले छापा मारा। यहां कई दस्तावेज और रसीद बुक टीम को मिली जिन्हें टीम ने जब्त कर लिया। इसके बाद शेष रसीद बुकों के लिए टीम ने नगर पालिका में भी छापा मारा और यहां से भी कई दस्तावेज जब्त किए हैं। खबर लिखे जाने तक विजिलेंस की कार्रवाई जारी थी। गौरतलब है कि इस गबन का खुलासा पत्रिका ने ही 28 मार्च को किया था। नगर पालिका में करीब दो साल पहले राजस्व शाखा में फर्जी रसीद बुकों के जरिये गबन का मामला सामने आया था। इस मामले में नगर पालिका प्रशासन ने डेढ़ साल पहले ही सहायक राजस्व निरीक्षण सतीश नामदेव को आरोप बनाकर उन्हें सस्पेंड किया था। मामला पुलिस थाने तक भी पहुंचा था। लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। करोड़ों के इस गबन के बाद शुरूआती कार्रवाई तो हुई थी, लेकिन बाद में इस पर खामोशी इख्तियार कर ली गई थी।
पत्रिका ने किया था खुलासा
इस मामले को 28 मार्च को पत्रिका ने खोला था। 28 मार्च को करोड़ों के गबन पर खामोशी का ताला शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद पत्रिका ने लगातार खबरें प्रकाशित की थी। 31 मार्च को गबन में खामोशी का ताला पर नियत का भी काला शीर्षक से खबर प्रकाशित की।इसके बाद 2 अप्रैल को विभाग की 54 रसीद बुक में खेला गया गबन का खेल…, शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। इसके बाद 3 अप्रैल को रकम जमा कराने बैंकों से संपर्क कर रहा आरोपित शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी।इन खबरों के प्रकाशित होने के बाद नपा में खलबली मची।इसके अलावा कई अन्य लोगों ने भी इस मामलों को फिर से उठाया और इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर तेजस्वी एस नायक को भी कीथी। हालांकि इस मामले की पहले भी शिकायत कलेक्टर तक की गई थी। पत्रिका में खबरेंं प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर नायक ने इस मामले की जांच सेंधवा एसडीएम जयती सिंह को सौंपी थी लेकिन जांच पूरी होने से पहले ही उन्हें टे्रेनिंग पर जाना पड़ा था।
सुबह से चल रही है कार्रवाई
इंदौर विजिलेंस के डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि इस मामले की शिकायत सजवानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नरेन ने की थी। मामले के सबूत जुटाने के बाद भोपाल से मंजूरी ली गई।यहां से मंजूरी मिलते ही कार्रवाईकी गई है। डीएसपी बघेल के मुताबिक मंगलवार को सुबह आरोपी सतीश नामदेव के घर पर टीम पहुंची कई घंटों की पूछताछ और तलाशी में घर से कई दस्तावेज और रसीद बुक मिली। इस मामले में कुल 58 रसीद बुक जब्त होनी थी। लेकिन नामदेव के घर से 53 रसीद बुक ही मिली। इसके बाद टीम ने नगर पालिका में दबिश दी और यहां का रेकॉर्ड खंगाला।जिस आलमारी में दस्तावेज होने की बात कही गईथी। उसमें भी यह 5 रसीद बुक नहीं मिली।बाद में यह पांचों बुक स्टोर में स्टोर कीपर के पास मिली। खबर लिखे जाने तक भी मामले में कार्रवाई की जा रही थी।
कई लोग शक के दायरे में
विजिलेंस डीएसपी बघेल ने बताया कि इस मामले में केवल सतीश नामदेव ही आरोपी नहीं है। फिलहाल जांच की जा रही है और इस मामले में फिलहाल हर वह व्यक्ति शक के दायरे में हैं जो इस अवधि में इस मामले से किसी ने किसी तरह से जुड़ा रहा है। इस दौरान यहां पदस्थ सीएमओ और बाबू सहित कई और व्यक्ति भी शक के दायरे में हैं।

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