बड़वानी

पुलिस कस्टडी में भी अकड़कर चल रहा है यह बीजेपी नेता, लोकसभा चुनावों में इसके घर मिला था हथियारों का जखीरा

नौ महीने से संजय यादव चल रहा था फरार

बड़वानीJan 18, 2020 / 07:17 pm

Muneshwar Kumar

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सेंधवा/बड़वानी/ लोकसभा चुनाव के दौरान सेंधवा का हिस्ट्रीशीटर और बीजेपी नेता संजय यादव के घर से हथियारों का जखीरा मिला था। जिसमें पिस्टल, गोरी और हथगोले थे। संजय ने ये हथियार चुनावों के दौरान दहशत फैलाने के लिए इकट्ठा किया था। महीनों बाद पुलिस ने संजय को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन उसकी अकड़ कम नहीं हुई है। वह पुलिस कस्टडी में भी रौबीले अंदाज में चल रहा था।
घर से हथियार बरामद होने के बाद से ही संजय यादव फरार चल रहा था। दो दिन पहले से ही जिले में यह खबर वायरल हो रही थी कि संजय यादव ने सरेंडर कर दिया है। इस पर पुलिस बोली थी कि जल्द ही खुलासा किया जाएगा। अब शनिवार को पुलिस ने संजय यादव को मीडिया के सामने पेश किया। जिसमें गिरफ्तारी की बात कही गई है।
वाहन चेकिंग के दौरान हुआ गिरफ्तार
बीजेपी नेता और हिस्ट्रीशीटर संजय यादव को पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान राजपुर से गिरफ्तार किया है। नागलवाड़ी और सेंधवा मामले में हुई गिरफ्तारी। संजय के सेंधवा दारू गोदाम स्थित घर से हथगोले, पिस्टल और कारतूस मार्च 2019 में बरामद किए गए थे। विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आर्म्स एक्ट तहत उस वक्त मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद संजय यादव पर पुलिस ने किया था 10 हजार का इनाम घोषित किया था।
मां नगरपालिका की अध्यक्ष
सेंधवा में संजय यादव की तूती बोलती है। इसकी मां बसंती यादव नगर पालिका की अध्यक्ष है। इसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के अधिकारी पिछले कई महीने से लगे हुए थे। साथ ही कई बार इसके घर पर भी छापेमारी की गई लेकिन वह नहीं मिला था। वहीं, एक बात तो दबाव बनाने के लिए पुलिस इसके बेटे को भी थाने उठाकर लाई थी। बाद में छोड़ दिया गया था।
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घर से मिले थे हथियारों का जखीरा
दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले 31 मार्च 2019 को जिले की तत्काली एसपी यांगचेन डोलकर भूटिया की टीम ने संजय यादव के दिनेश गंज निवास पर दबिश देकर उसके घर से 13 पिस्टल, 116 जिंदा कारतूस और 17 देसी हथगोले आदि बरामद किए थे। कार्रवाई के दौरान ही संजय फरार हो गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित विस्फोटक अधिनियम के मामले दर्ज किए थे।
संजय पर 50 से ज्यादा मामले हैं दर्ज
बड़वानी जिले में संजय यादव का काफी दबदबा है। उसके खिलाफ कुछ समय पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध वसूली और हथियारों का जखीरा रखने के पचास से अधिक मामले दर्ज हैं। क्षेत्र में इसके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इसकी मां के खिलाफ नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ा था।
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