बड़वानीPublished: Jan 24, 2021 02:52:43 pm
vishal yadav
दिल्ली के कोहरे से बड़वानी में टमाटर खेतों से उखाडऩे को मजबूर हुए किसान, कोहरे से गाडिय़ा राजधानी तक देरी से पहुंचने से उपज हो रही खराब, टमाटर बिक्री कम हुई
Barwani’s tomatoes are not reaching Delhi
बड़वानी. कोरोना काल के बाद अब जिले के किसानों के सामने दिल्ली का कोहरा कहर बनकर टूट रहा है। कोहरे के कहर के चलते जिले के किसान खेतों में लगी टमाटर फसल को उखाडऩे व पशुओं को खिलाने को मजबूर हो गए है। दरअसल जिले से प्रतिदिन सैकड़ों क्ंिवटल टमाटर की फसल देश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी दिल्ली तक जाती है। वहां से अन्य प्रदेशों में जिले का टमाटर उच्च दामों में बिकता है। इससे किसानों को बेहतर लाभ मिलता है।
उल्लेखनीय है कि मौसम बदलाव के चलते फिलहाल दिल्ली में प्रतिदिन घना कोहरा छा रहा है, इससे जिले की उपज समय पर वहां नहीं पहुंच पा रही है। इससे उपज खराब हो रही है। बता दें कि जिले में बड़ी मात्रा में टमाटर की खेती होती है। पिछले कई दिनों से दिल्ली और आसपास क्षेत्र में घना कोहरा छाने से जिले के किसान-व्यापारियों की गाड़ी बड़ी मंडियों तक पहुंचने में लेट हो रही है। इससे टमाटर खराब होने की स्थिति में वहां के व्यापारियों द्वारा जिले का टमाटर लेने में आनाकानी की जाने लगी है। किसानों के अनुसार एक माह पहले 600 से 700 रुपए प्रति केरेट (प्रति केरेट 25 किलो टमाटर) भाव मिल रहा था। वहीं आज स्थिति ये है कि 40 से 50 रुपए प्रति केरेट के भाव नहीं मिल रहे है। कई किसान स्वयं खेत साफ कर रहे हैं, तो कुछ मवेशी-पशुओं को खिलाने को मजबूर है।
लाखों रुपए नुकसानी की संभावना
नागलवाड़ी के किसान नंदकिशोर गहलोत और मुकेश गहलोत अपने दो अलग-अलग खेतों में 40 एकड़ में टमाटर बोया था। दोनों को 40 एकड़ में 30 लाख के लगभग खर्च आया, लेकिन 500-600 रुपए केरेट बिने वाली टमाटर अब 50-60 रुपए प्रति केरेट नहीं बिक रहा। ऐसे में किसान ने 400 से 500 केरेट टमाटर खेत में गड्डा कर दफन कर दिया। इससे उन्हें दस लाख रुपए की नुकसानी की संभावना है। किसान के अनुसार सरकार निर्यात से रोक अगर हटा दें और किसानों को निर्यात का लाइसेंस दे दे तो ऐसी कुछ दिक्कतें कम हो सकती है।
समय पर नहीं पहुंच पा रही है गाडिय़ां
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मंशाराम पंचोले ने बताया कि दिल्ली में कोहरे के चलते गाडिय़ां समय पर नहीं पहुंच पा रही और टमाटर रास्ते में खराब रहा है। इसलिए व्यापारियों ने दो-तीन दिन से खरीदी बंद कर दी है। अब टमाटर सडऩे लगा है। मजबूरी में मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जिले में फूड प्रोसेसिंग करनी चाहिए और केचअप की यूनिट शुुरु करना चाहिए। इससे किसानों को राहत मिलेगी। राजपुर के किसान लालु कुशवाह ने बताया कि भाव नहीं मिलने पर एक एकड़ में लगाए टमाटर अब उखाड़कर फेंकने पड़ रहे है।
मौसम से खराब हुई गिलकी
ग्राम सजवानी के नरेंद्र काग ने बताया कि दो एकड़ में गिलकी सब्जी लगाई थी। गत दिनों बारिश और बादलों की स्थिति से गिलकी फसल खराब हो गई है। 20 हजार रुपए लागत पानी में गई। गाडरियों के माध्यम से खेत से गिलकी साफ करवा रहे है।