scriptमां के पैर में कांटा चुभा तो बेटा 12 किमी दूर ठेले में बैठाकर अस्पताल ले आया, बोला- मां तकलीफ में थी | Barwani: Son walked 12 km for treatment of mother | Patrika News

मां के पैर में कांटा चुभा तो बेटा 12 किमी दूर ठेले में बैठाकर अस्पताल ले आया, बोला- मां तकलीफ में थी

locationबड़वानीPublished: Sep 15, 2019 03:49:54 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

राधू इतना गरीब है कि वो कोई बाहन किराये पर नहीं ले सकता था।

मां के पैर में कांटा चुभा तो बेटा 12 किमी दूर ठेले में बैठाकर अस्पताल ले आया, बोला- मां तकलीफ में थी

मां के पैर में कांटा चुभा तो बेटा 12 किमी दूर ठेले में बैठाकर अस्पताल ले आया, बोला- मां तकलीफ में थी

बड़वानी. मां अपने बेटों के लिए हर सितम उठाने को तैयार रहती है। तभी तो उसे ममता मई मां कहा जाता है। आपने कई कलयुगी बेटों की कहानी और खबरें सुनी होगीं। लेकिन मध्यप्रदेश के बड़वानी में मां-बेटे की प्यार की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है। मां के पैर में चोट लगी तो बेटे को दर्द हुआ। गरीबी इतनी थी कि किराये से कोई वाहन भी नहीं कर सकता था। गांव तक बस भी नहीं चलती और अस्पताल गांव से 12 किमी दूर था। मां 20 दिनों से तकलीफ में थी। मां मना करती रही बोली दर्द ठीक हो जाएगा। पर बेटा नहीं माना और मां को 12 किमी दूर ठेले में बैठाकर अस्पताल ले गया और मां की दवाई कराई।

मां के पैर में लगा था कांटा
दरअसल, मध्यप्रदेश के बडवानी में लोनसरा खुर्द के निवासी राधू की 70 वर्षीय मां के पैर में चोट लग गई थी। मां के पैरों में ड्रसिंग कराने के लिए जब कोई वाहन नहीं मिला तो राधू अपनी मां को ठेले पर बैठाकर गांव से 12 किमी दूर अस्पताल लेकर पहुंचा। राधू की मां 70 साल की हैं और पैर में चोट के कारण मां से चलते नहीं बन रहा था। बेटे ने मां को अस्पताल ले जाने के लिए साधन की तलाश की पर उसे गांव में कोई साधन नहीं मिला। राधू की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वो मां को अस्पताल ले जाने के लिए कोई वाहन किराये से ले सकता थाष
108 को भी नहीं किया फोन
राधू ने जानकारी देते हुए बताया कि बीस दिन पहले मां के पैर में कांटा लग गया था। जिसके कारण उसे दर्द हो रहा था। कांटा लगने के कारण मां के पैर में घाव हो गया था। राधू ने कहा- गांव में वाहन की तलाश की पर मिला नहीं। राधू ने बताया कि चोट ज्यादा गंभीर नहीं थी इसलिए 108 वाहन को फोन नहीं किया। खुद की मां को ठेले में बैठाकर अस्पताल ले गया।
साढ़े तीन घंटे में पहुंचा अस्पताल
राधू ने बताया कि मां को अस्पताल ले जाने के लिए सुबह 6 बजे ही घर से निकल गया और 12 किलो मीटर का सफर 9.30 बजे तय करके जिला अस्पताल में मां का इलाज कराया। राधू ने बताया कि वो चौथी बार अपनी मां को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो