राजपुर विधानसभा :
इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक काबिज है। क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा और सड़कों की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। विधानसभा में अंजड़ और ठीकरी भी शामिल है। जहां जनता की समस्याएं है। अंजड़-ठीकरी राज्यमार्ग की हालद बदतर है। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या उद्योग-धंधों का अभाव है। काम और रोजगार नहीं होने से आज भी हजारों मजदूर दूसरे राज्यों को पलायन कर रहे है।
इन मुद्दोंं की अनदेखी
-सामुदायिक स्वास्थ्य डॉक्टरों रिक्त पद।
-क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों की सड़कें।
-उद्योग-धंधे का अभाव। रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन है।
-पेजयल की समस्या, जिसका समाधान।
-लोअर गोई परियोजना का अधूरा काम।
पानसेमल विधानसभा :
नए परिसीमन के बाद पानसेमल विधानसभा के लिए यह तीसरा चुनाव है।पानसेमल के साथ निवाली तहसील क्षेत्र में ग्रामीण सड़कों की हालत अच्छी नहीं है। मनरेगा जैसी योजना के सही क्रियान्वयन नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में काम नहीं। इसके चलते हजारों मजदूरों का पलायन हुआ है।
ये है मुद्दे
-रोजगार का अभाव, मजदूरों का पलायन।
-उच्च शिक्षा और तकनीकि शिक्षा में सुधार।
-कृषि सिंचाई के लिए व्यवस्था में कमी।
-खेल प्रतिभाओं के लिए मैदान का अभाव।
सेंधवा विधानसभा :
औद्योगिक शहर के रूप में भले ही सेंधवा को दर्जा मिल गया। लेकिन कॉटन व्यवसाय यहां से पूरी तरह से खत्म हो चुका है। सेंधवा की सारी कॉटन फैक्ट्री महाराष्ट्र पलायन कर चुकी है। कोई बड़ा उद्योग अब यहां नहीं बचा है। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरों का पयालन हो रहा है।
ये है स्थानीय मुद्दे
-उद्योग- धंधे का अभाव।
-ग्रामीण सड़कों की हालत खराब।
-पेयजल वितरण व्यवस्था में सुधार।
-मास्टर प्लॉन के हिसाब से शहर का विकास।
-अस्पताल में दवाईयां, स्टॉफ की समस्या दूर हो।
-तकनीकि शिक्षा का अभाव।