scriptकैसे होगा विकास, चुनाव में भूले स्थानीय मुद्दे | BJP-Congress votes demanding on state level issues | Patrika News

कैसे होगा विकास, चुनाव में भूले स्थानीय मुद्दे

locationबड़वानीPublished: Nov 23, 2018 10:49:26 am

भाजपा-कांग्रेस प्रदेश स्तर के मुद्दों पर मांग रहे वोट, जनता को अपनी समस्याओं से कब मिलेगी निजात

BJP-Congress votes demanding on state level issues

BJP-Congress votes demanding on state level issues

बड़वानी. सरकारे कई आई और चली गई, लेकिन जनता की समस्याएं आज तक नहीं सुलझी। जी हां, हम बात कर रहे है जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों के उन स्थानीय मुद्दों की जिनकोंं राजनीतिक दल लगातार नजरअंदाज करते आ रहे है। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल अपने-अपने घोषणा पत्र में प्रदेश स्तर के मुद्दों को शामिल कर लोगों से वोट मांग रहे है। लेकिन जिले की स्थानीय समस्याओं से लोगों को निजात कब मिलेगी? इस सवाल का जवाब कोई नहीं बोल रहा है। इस चुनाव में जनता अपने सवालों का जवाब राजनीतिक दलों से चाहती है। आमजन से जुड़े मुद्दों से जुड़ी पत्रिका की ये खास रिपोर्ट..!
बड़वानी विधानसभा :
बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में बड़वानी और पाटी दो तहसीले शामिल है। इस सीट पर कुल 14 चुनाव में 11 बार भाजपा और 3 बार कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीते। पिछले 15 सालों से प्रदेश में जहां भाजपा की सरकार रही। वहीं, पिछले विधायक कांग्रेस पार्टी से से चुने गए थे। जिन्होंने कोईध्यान नहीं दिया और क्षेत्र विकास में पिछड़ रहा। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों के रूप में माकूल व्यवस्था से क्षेत्र की जनता आज भी जुझ रही है।
ये मुद्दे जो रहे गए पीछे
-नर्मदा पाइप लाइन डलने के बाद भी एक दिन की आड़ से पानी मिलना।
-बावनगजा को धार्मिक पयर्टल स्थल बनाना।
-जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, ट्रामा सेंटर में मशीनों की कमी।
-डूब प्रभावित लोगों का अधूरा पुनर्वास।
-कृषि, मेडिकल और इंजीनिरिंग कॉलेज।
-इंदिरा सागर परियोजना में अधूरी नहरें।

राजपुर विधानसभा :
इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक काबिज है। क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा और सड़कों की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। विधानसभा में अंजड़ और ठीकरी भी शामिल है। जहां जनता की समस्याएं है। अंजड़-ठीकरी राज्यमार्ग की हालद बदतर है। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या उद्योग-धंधों का अभाव है। काम और रोजगार नहीं होने से आज भी हजारों मजदूर दूसरे राज्यों को पलायन कर रहे है।
इन मुद्दोंं की अनदेखी
-सामुदायिक स्वास्थ्य डॉक्टरों रिक्त पद।
-क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों की सड़कें।
-उद्योग-धंधे का अभाव। रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन है।
-पेजयल की समस्या, जिसका समाधान।
-लोअर गोई परियोजना का अधूरा काम।

पानसेमल विधानसभा :
नए परिसीमन के बाद पानसेमल विधानसभा के लिए यह तीसरा चुनाव है।पानसेमल के साथ निवाली तहसील क्षेत्र में ग्रामीण सड़कों की हालत अच्छी नहीं है। मनरेगा जैसी योजना के सही क्रियान्वयन नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में काम नहीं। इसके चलते हजारों मजदूरों का पलायन हुआ है।
ये है मुद्दे
-रोजगार का अभाव, मजदूरों का पलायन।
-उच्च शिक्षा और तकनीकि शिक्षा में सुधार।
-कृषि सिंचाई के लिए व्यवस्था में कमी।
-खेल प्रतिभाओं के लिए मैदान का अभाव।

सेंधवा विधानसभा :
औद्योगिक शहर के रूप में भले ही सेंधवा को दर्जा मिल गया। लेकिन कॉटन व्यवसाय यहां से पूरी तरह से खत्म हो चुका है। सेंधवा की सारी कॉटन फैक्ट्री महाराष्ट्र पलायन कर चुकी है। कोई बड़ा उद्योग अब यहां नहीं बचा है। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरों का पयालन हो रहा है।
ये है स्थानीय मुद्दे
-उद्योग- धंधे का अभाव।
-ग्रामीण सड़कों की हालत खराब।
-पेयजल वितरण व्यवस्था में सुधार।
-मास्टर प्लॉन के हिसाब से शहर का विकास।
-अस्पताल में दवाईयां, स्टॉफ की समस्या दूर हो।
-तकनीकि शिक्षा का अभाव।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो