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आजादी के 70 साल बाद भी पुलिया और सड़क के लिए तरस रहे देरवालिया गांव के लोग

locationबड़वानीPublished: Jul 18, 2020 10:00:21 am

Submitted by:

vishal yadav

बेनी नदी पर पुलिया नहीं होने से गांव के लोगों को बारिश में होगी परेशानी, महिला को प्रसव के लिए झोली में बांधकर नदी कराते है पार, पुल नहीं होने से 2 हिस्सों में बंटा है गांव, ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों से लगाई है गुहार

Bridge and road not built in Derawalia village

Bridge and road not built in Derawalia village

बड़वानी/पाटी. आजादी के 70 साल बाद भी देरवालिया गांव के लोग सड़क और पुल के लिए तरस रहे है। बेनी नदी पर पुलिया नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। किसानों को भी बीज और खाद के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों ने इस गंभीर समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि सहित जिला अधिकारियों से गुहार भी लगाते रहे है, लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
नगर से 5 किमी दूर देरवालिया गांव में बेनी नदी पर आने जाने के रास्ते के बीच नदी में पुल नहीं होने सेे देरवालिया गांव 2 भागों में बंट गया है। बारिश में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ले जाने के दौरान होती है। झोली में बांधकर नदी पार करना पड़ता। गांव से बाहर आने के लिए एक नदी में तैरकर आना पड़ता। गांव के बियानसिंग पटेल ने बताया कि आजादी के 70 साल बाद भी इस नदी पर पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका। ग्रामीणों ने बताया कि देरवालिया में सड़क व पुल नहीं बनने से गांव में तक पहुंचने में ग्रामीणों को परेशानी होती है। नदी पर पुल निर्माण को लेकर कई बार विधायक और सांसद को आवेदन देकर गुहार लगाई। उनसे आश्वासन मिला, लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका। गांव के लोग सड़क और पुल के जैसी समस्या से जूझ रहे। समाजसेवी बियानसिंग ने बताया कि सरकार केवल विकास का ढोल पिट रही है। उनके गांव तक आएं तो विकास की असलियत दिख जाएगी। गांव में पुल की समस्या है। पंचायती राज व्यवस्था में भी लोगों की समस्या का समाधान न होना दुखद है।
लंबे समय कर रहे पुलिया निर्माण की मांग
गांव के लोग जिला प्रशासन से लंबे समय से बड़वानी अनुभाग के पाटी तहसील के देरवालिया के बीच से निकली पहुंच नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे है। यदि पुल का निर्माण हो जाता है, तो एक दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। पुल नहीं होने से ग्रामीणों को बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। बारिश के मौसम में नदी में जलस्तर काफी बढ़ जाता है। इससे ग्रामीणों को नदी पार करने में परेशानी होती है। इसकी वजह से ग्रामीणों को करीब 12 किमी का चक्कर लगाकर पाटी कस्बा पहुंचना पड़ता है। वर्तमान में नदी बहाव कम है। इसकी वजह से स्थानीय ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर निकल जाते है। बारिश शुरू होते ही लोगों के लिए नदी मुसीबत बन जाती है।
पुलिया बनती है, तो 12 किमी का नहीं लगाना पड़ेगा फेर
पिछले 6 साल से एक दर्जन से अधिक गांव के लोग जिला प्रशासन, क्षेत्रीय विधायक व सांसद से पुल निर्माण की मांग कर रहे है, बावजूद इसके इनका कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है। पुल का निर्माण होने से ग्रामीणों को 12 किमी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। देरवालिया सहित एक दर्जन से अधिक गांव के लोग इस नदी से गुजरते है। रानीपुरा, चारपाटिया, गारा, भेसारी, कुंभखेत, रोसमाल, रामगढ़ के लोग पाटी से इन गांवों में जाने के लिए इस नदी से गुजरते है, लेकिन नदी पर पुल नहीं होने के कारण बहुत दिक्कतें आ रही है। देरवालिया में बेनी नदी पर पुल नहीं होने से लोग 10 किमी दूर घूम कर गंधावल होकर उनके गांव तक पहुंचते है। गांव की आबादी करीब 10 हजार के करीब है। जान जोखिम में डालकर ग्रामीण नदी पार कर पाटी कस्बा में खरीददारी करने जाते है। क्योंकि नदी से महज पाटी कस्बा की दूरी 5 किमी है। बारिश के मौसम में पुल नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को 12 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है।
बच्चों को नही मिल रही शिक्षा, किसानों को खाद ले जाने में हो रही परेशानी
बारिश के समय 5 से 6 दिन तक नदी पार नहीं कर पाते। वहीं किसानों को बाजार से खाद, बीज लाने के लिए भी काफी परेशान होना पड़ता। देरवालिया निवासी बियानसिंग पटेल ने बताया कि बारिश के समय स्कूली बच्चे भी 5 से 6 दिन स्कूल नहीं जाते, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। इस संबंध में ग्राम विकास समिति सदस्यों ने प्रशासन से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी आवेदन दिया है। बियानसिंग पटेल ने बताया कि 2016 से लगातार प्रयास किया जा रहा है। जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक, जनपद पंचायत अध्यक्ष को भी आवेदन दिया है, लेकिन जनप्रतिनिध भी आज तक कोई समाधान नहीं निकाले। वहीं जिला कलेक्टर से लेकर आरईएस विभाग और जनपद पंचायत सीईओ को भी आवेदन पत्र देकर अगवत कर मांग की है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी भी जनप्रतिनिधियों का नाम लेते है। उनके पास जाओ वही स्वीकृत करा सकते हैं। करीब 3 हजार जनसंख्या वाला देरवालिया बेनी नदी पर पुल नहीं होने से 2 हिस्सों में टूट गया है।

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