बड़वानीPublished: May 27, 2019 10:29:17 am
मनीष अरोड़ा
गर्मी के कपास की बोवनी के इंतजार में खेत तैयार कर बैठे किसान, इंदिरा सागर नहर में पानी छोडऩे के बाद भी बड़वानी तक नहीं आया पानी, गेहूं के सीजन में बार बार पानी बंद होने से किसानों का हुआ था नुकसान
Canals of dry Indira Sagar
बडवानी. इंदिरा सागर परियोजना की नहरें अब तक सूखी पड़ी हुई है।इंदिरा सागर बांध से नहरों में पानी छोडऩे का सिलसिला शुरू होने के बाद भी अब तक जिला मुख्यालय के आसपास नहरों में अब तक पानी नहीं पहुंचा है।जिसके चलते गर्मी के कपास की बोवनी प्रभावित हो रही है।पानी के इंतजार में किसान बोवनी नहीं कर पा रहे है। वहीं जिन किसानों ने नहरों के भरोसे कपास लगा दिया है, उनकी भी परेशानी हो रही है। ऐसे में समय रहते नहरों का पानी शुरू नहीं हुआ तो तो किसानों को कपास की बोवनी दोबारा करना पड सकती है।
क्षेत्र के किसानों की मानें तो नहरों में पानी छोडने का समय हो जाने के बाद भी इंदिरा सागर परियोजना के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। जिला मुख्यालय से सटे सेगांव, रेहगुन, सजवानी, बडगांव और नर्मदा पट्टी के कई गांवों से होकर ये नहर गुजर रही है। इन क्षेत्रों में नहरों का पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है। किसानों ने बताया कि मई माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में नहरों में पानी आ जाए तो इसका लाभ क्षेत्र के किसानों को मिल जाए। इसके बाद भी जिम्मेदार किसानों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गर्मी के कारण सिंचाई में होती है अधिक पानी की आवश्यकता
इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है। किसान उत्पादक किसाना अपने खेतों में मई माह के दूसरे सप्ताह में कपास की बुआई कर देते है। जिन किसानों के पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है, उन्हें तो कोई समस्या नहीं आती, लेकिन जो किसान नहरों के भरोसे कपास लगा देते हैं, वे परेशान हो जाते हैं। नहर में कभी पानी आता है तो कभी बंद हो जाता है। सेगांव के किसान राधेश्याम गेहलोत ने बताया कि नहर में पानी तो छोड़ा, लेकिन पानी करी, सजवानी, सेगांव और इसकेे निचले गांवों के खेतों तक नहीं पहुंच पाया। नहर में पानी कम आने के कारण किसानों के खेतों में बनी नहरों में पानी ही नहीं जा रहा है। ऐसे में कई किसान परेशान होते हैं। इस समस्या को किसान कई बार अधिकारियों तक बात पहुंचा चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान देने वाला ही नहीं है।
कपास के अलावा अन्य फसलों की भी होती है बुआई
नहरों के भरोसे किसान कपास के अलावा अन्य फसलों जैसे मक्का और सब्जियों की खेती भी करते हैं। नहरों में पानी आने के बाद क्षेत्र के हजारों किसान इसी के पानी से अपने खेतों में सिंचाई व्यवस्था लगाते हैं। ऐसे में समय पर पानी नहीं आने के कारण किसानों केा बोवनी करने में भी समस्या आती है। किसानों की मांग है कि नहरों में पर्याप्त मात्रा में पानी छोडा जाए, जिससे किसान समय पर बुआई कर इसका लाभ ले सकें।