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मजदूरी के लिए ले गए, बनाया बंधक, साढ़े 6 लाख में बेचा

locationबड़वानीPublished: Dec 27, 2018 10:41:30 am

सात मजदूर बचकर भागे, आते ही पुलिस के सामने सुनाई व्यथा, 33 मजदूर और 18 बच्चे अब भी महाराष्ट्र के दबंग के कब्जे में, पुलिस हुई मजदूरों को छुड़वाने के लिए रवाना, वहीं होगा केस दर्ज

Case for mortgage and sale of laborers

Case for mortgage and sale of laborers

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. अच्छी मजदूरी का लालच देकर महाराष्ट्र में ले जाकर मजदूरों को बंधक बनाकर बेचने का मामला सामने आया है। सात मजदूर ठेकेदार की चुंगल से बचकर भाग निकले और पुलिस के पास पहुंचे। अभी भी 33 महिला-पुरुष और 18 बच्चे दबंग ठेकेदार के कब्जे में है। बचकर आए मजदूरों ने अपने साथियों को बचाने की गुहार पुलिस से लगाई।घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मजदूरों को छुड़वाने के लिए दो मजदूरों को लेकर रवाना हुई। मामले में बंधक महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने जैसे आरोप भी छूटकर आए मजदूरों ने लगाए है। पुलिस का कहना है कि मामले में सच्चाई सामने आने पर महाराष्ट्र में ही केस दर्ज कराया जाएगा।
बुधवार को वरला थाना क्षेत्र के ग्राम धमनिया निवासी सात मजदूर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने एएसपी ओंकारसिंह कलेश को बताया कि करीब ढाई माह पूर्व आभा पिता गादरिया मुकड़दम निवासी खारियर पड़ावा महाराष्ट्र गांव से 40 मजदूरों को प्रति परिवार 10 हजार रुपए देकर महाराष्ट्र के संगमनेर में गन्ना कटाई की मजदूरी के लिए ले गया था। यहां 40 परिवारों के साथ 18 बच्चे भी गए थे। यहां उन्होंने डेढ़ माह तक अप्पा के यहां 900 टन गन्ने की कटाई की। इसके बाद अप्पा उन्हें शंकरगांव स्थित पाटील साहेब के यहां छोड़ गया। यहां पर हमारे साथ दुव्र्यवहार होने लगा। खाने के लिए कम अनाज दिया जाता। महिलाओं के साथ गलत काम होने लगे।
मजदूरी मांगी तो बताया ठेकेदार ने खरीदा है
बचकर आए मजदूर हासिया पिता रासिया ने बताया कि जब गलत होने लगा तो हमने मजदूरी के रुपए मांगकर वापस जाने की बात कही। ठेकेदार पाटील के मुकड़दम ने बताया कि उसने सभी मजदूरों को साढ़े 6 लाख रुपए देकर खरीदा है। ये बात सुनकर विरोध किया तो पाटील और उसके गुंडों ने मारपीट की और टाकली सिकंदर स्थित एक शकर कारखाने में बंधक बना लिया। उनके साथी निमडिय़ा पिता नानला और पुनम पिता कहारिया को शकर खारखाने के एक कमरे में बंद करके रखा जा रहा है। हासिया ने बताया कि हिम्मत करके वो और उसके साथ मुडिया पिता नानला, अरशिया पिता नानला, सायनाबाई पिता नानला, धुरलाल तुकाराम, अन्ना पिता आता और सुम्राबाई पति अन्ना दो दिन पहले रात में वहां से भाग निकले और जैसे-तैसे कर गांव पहुंचे।
दो दिन तक बंद कमरे में भूखा रखा
हासिया ने बताया कि मजदूरों ने बिना मजदूरी के काम करने से मना कर दिया। जिसके बाद पाटील के गुंडों ने सभी पुरुषों को कमरे में बंद कर दिया। हम सभी के मोबाइल भी छीन लिए गए।महिलाओं और बच्चों को बाहर मैदान में खुला छोड़ दिया गया। दो दिन तक खाना भी नहीं दिया और मारपीट करते रहे। इसके बाद प्रताडऩा से तंग आकर सभी मजदूरों ने हाथ जोड़े और काम करने की बात कही, तब कहीं जाकर छोड़ा। अब वे मजदूरों से सुबह 6 बजे से लेकर रात 11 बजे तक काम करवा रहे है। खाना भी न के बराबर दिया जा रहा है। महिलाओं के साथ वहां के लोग और मजदूर गलत हरकतें करते है। आए हुए मजदूरों ने अपने साथियों को छुड़वाने की गुहार लगाई।
भेज रहे पुलिस को
मजदूरों की शिकायत पर वरला थाने से एसआई संदीप कुशवाह के साथ पुलिस बल महाराष्ट्र भेजा जा रहा है। शिनाख्ती के लिए दो मजदूर भी साथ जा रहे है। वहां जाकर बंधकों को छुड़वाया जाएगा। यदि कुछ गलत हुआ है तो मामला महाराष्ट्र का होने से संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
ओंकारसिंह कनेश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

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