scriptइमरजेंसी गेट पर लगा रखी थी सीट, एक भी बस में महिला अटेंडर नहीं मिली | Checking the documents of school drivers | Patrika News

इमरजेंसी गेट पर लगा रखी थी सीट, एक भी बस में महिला अटेंडर नहीं मिली

locationबड़वानीPublished: Jul 04, 2019 12:01:11 pm

16 स्कूली वाहनों में नहीं हो रहा था नियमों का पालन, किया जुर्माना, परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, दिया सात दिन का समय

Checking the documents of school drivers

Checking the documents of school drivers

बड़वानी. नए शिक्षा सत्र आरंभ होने के बाद भी परिवहन विभाग और यातायात विभाग ने स्कूली वाहनों में नियमों के पालन के लिए कोई पहल नहीं की थी। परिवहन विभाग ने तो छुट्टी के दौरान खड़े हुए स्कूली वाहनों का निरीक्षण कर लिया था। पत्रिका ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद बुधवार को परिवहन विभाग और यातायात विभाग ने संयुक्त अभियान चलाकर स्कूली वाहनों की जांच की। पांच स्कूली बसों में इमरजेंसी गेट पर सीट लगा रखी थी। वहीं, किसी भी स्कूली बस में महिला अटेंडर नहीं मिली। यातायात पुलिस ने 16 वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर सात में सारे नियमों के पालन का समय दिया।
बुधवार को एसपी डीआर तेनीवार, एएसपी सुनिता रावत के निर्देश पर छोटे बड़े स्कूली वाहनों की जांच आरंभ हुई। परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस बड़वानी द्वारा कस्बा बड़वानी, कारंजा चौराहा, अंजड़ नाका, ओलंपिक चौराहा पर संयुक्त रूप से चेकिंग की गई। जांच के दौरान अधिकतर बसों और छोटे स्कूली वाहनों में ड्रायवर बिना वर्दी के मिले। वहीं, बसों में फस्र्टएड बॉक्स, महिला अटेंडर नहीं मिले। बसों में आपातकालीन खिड़की के स्थान पर चालक-परिचालक ने सीट लगा रखी थी। जिसमें पेरामाउंट स्कूल की दो बसें, योगेश्वर कॉलेज, मधुबन कॉलेज और हरसुख दिगंबर स्कूल की बसों पर 500-500 रुपए जुर्माना किया गया। साथ ही इन बस चालकों को 5 दिन का समय दिया गया कि वे नियमानुसार बस में सुरक्षा व्यवस्था करें।
इन मापदंडों पर की चेकिंग
चेकिंग के दौरान बस में स्पीड गर्वनर, सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस सिस्टम लगाना, क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाना, बसों में आपातकालीन खिड़की, दरवाजा लगा होना, बसों की खिड़कियों पर सरियों की जाली, ग्रील लगी होना, स्कूल बसों में फस्ट एड बॉक्स की सुविधा होना, बसों में अग्निशमन यंत्र होना, बसों के दरवाजों पर लगे ताले ठीक स्थिति में होना, बस पर स्कूल का नाम एवं दूरभाष अंकित होना, बस में प्रशिक्षित परिचालक होना, बस पर स्कूल बस या स्कूल ड्यूटी लिखा होना, बसों का परमिट, फिटनेस, पीयूसी प्रमाण पत्र होना, ड्रायवर का लायसेंस होना चेक किया गया।
पुलिस वेरिफिकेशन के लिए दिया सात दिन का समय
इस दौरान मापदंडों के उल्लंघनकर्ता 16 वाहनों एवं चालकों के विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई गई है। साथ ही स्कूल संचालकों को स्कूली बच्चों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने के लिए निर्देशित किया गया। वहीं, बस चालक-परिचालकों का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं पाया गया। विभाग ने स्कूल संचालकों को 7 दिन का समय दिया कि वे बस चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन करवा लें। कार्रवाई में परिवहन अधिकारी रितु अग्रवाल, परिवहन विभाग का स्टाफ, यातायात प्रभारी हिंदूसिंह मुवेल, सुबेदार उषा सिसौदिया, सहायक उप निरीक्षक सदाशिव कुमरावत, अजीज शेख, प्रधान आरक्षक अशोक, केशरेसिंह, भेरूसिंह, विक्रम सहित यातायात थाने का स्टाफ शामिल था।

ट्रेंडिंग वीडियो