scriptशिक्षा पर कलंक… ‘बगैर पहियों’ के खींच रहे ‘शिक्षा की गाड़ी’ | Children refuse to go to teacher Vihin school | Patrika News

शिक्षा पर कलंक… ‘बगैर पहियों’ के खींच रहे ‘शिक्षा की गाड़ी’

locationबड़वानीPublished: Jul 05, 2018 11:22:18 am

चैरवी में हाईस्कूल बंद होने की स्थिति में पहुंचा, शिक्षक विहिन स्कूल में जाने से बच्चों ने किया इनकार, मीडिल स्कूल में नहीं कोई शिक्षक

Children refuse to go to teacher Vihin school

Children refuse to go to teacher Vihin school

बड़वानी (सादिक अली). पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया…, शिक्षा का उजियारा फैले चहूंओर… और न जाने क्या-क्या? नारे दिए जाते रहे हैं बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, लेकिन इन्हीं नारों और इरादों के मुंंह पर कालिख पोतती जिले की शिक्षा व्यवस्था अलग ही कहानी बयां कर रही है। जिले में 1000 स्कूल शिक्षा विहिन या सिंगल टीचर के हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी स्कूल के बंद होने की स्थिति बन गई है। पाटी ब्लॉक के चैरवी में 2013 में शुरू हुए हाईस्कूल में अब विद्यार्थियों ने ही ताला लगाने की तैयारी कर ली है। वजह शासन और प्रशासन की अनदेखी ही है। इस स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है, ऐसे में विद्यार्थियों ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया है। अब अभिभावक कलेक्टर और सहायक आयुक्त से गुहार लगा रहे हैं कि शिक्षकों की व्यवस्था करके स्कूल को बंद होने से बचा लें।
शिक्षा के मंदिरों पर ताले लगने की नौबत
प्रधानमंत्री का आकांक्षी जिला बड़वानी शिक्षा के मूलभूत साधनों में भी इस कदर पिछड़ गया है कि यहां अब शिक्षा के मंदिरों पर ताले लगने की नौबत पैदा हो गई है। चैरवी निवासी अभिभावक मुन्ना सोलंकी, संजय तड़वे, मुन्ना तड़वे, पूना मुजाल्दे, मकीराम तड़वे, जनपद सदस्य अक्कल सिंह और चमन सोलंकी ने बताया कि ग्राम चैरवी में 2013 में शासकीय हाईस्कूल शुरू हुआ था। हाईस्कूल का अपना कोई भवन नहीं है। इसे पंचायत भवन में शुरू किया गया था। तब से लेकर आज तक यह पंचायत भवन में ही संचालित है। स्कूल शुरू होने पर यहां शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए। बल्कि ग्राम में पहले से संचालित मीडिल स्कूल के एकमात्र शिक्षक को हाईस्कूल की जिम्मेदारी दे दी गई थी। लेकिन यह शिक्षक भी जनशिक्षक बनकर दूसरी जगह चला गया। ऐसे में अब हाईस्कूल में पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं बचा है।
क्या करेंगे स्कूल जाकर, पढ़ाएगा कौन
मुन्ना सोलंकी ने बताया कि इस सत्र में स्कूल शुरू हुआ। 9वीं और 10 के स्कूल भी जाने लगे, लेकिन दो दिन में ही स्कूल जाने से इनकार कर दिया। बकौल मुन्ना सोलंकी बच्चों का कहना हैकि जब स्कूल में कोई पढ़ाने वाला ही नहीं है तो जाकर करेंगे क्या? अभिभावकों का कहना है कि 10 बोर्ड परीक्षा है ऐसे में एक शिक्षक विहिन स्कूल के बच्चे किस तरह इस परीक्षा को पास कर पाएंगे, वह बढ़ा सवाल है। मीडिल और हाई स्कूल दोनों के बच्चों को पढ़ाने के लिए एकमात्र शिक्षक था वह भी चला गया है। ऐसे में 9वी पास करने वाले विद्यार्थियों ने 10वीं में जाने से इनकार कर दिया और 9वीं में किसी ने प्रवेश ही नहीं लिया है। ऐसे में स्कूल में ताले लगने की स्थिति बन गई है।
कलेक्टर और एसी से लगाई गुहार
अभिभावकों ने कलेक्टर अमित तोमर और सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग विवेक पांडेय से गुहार लगाई कि स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था करें ताकि बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके। कलेक्टर और सहायक आयुक्त ने जल्द ही व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।
बंद हुआ स्कूल तो यह होगा
अभिभावकों का कहना है कि चैरवी गांव के स्कूल में आसपास के आठ गांवों के बच्चे आते हैं। यदि इस स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हुई तो इन बच्चों को यहां से 20 किमी दूर लिंबी जाना पड़ेगा। जबकि चैरवी से कोई नियमित बस सेवाएं भी नहीं है जो लिंबी तक स्कूल समय में चलती हो।
वर्जन
चैरवी के शिक्षक शैलेंद्र लोधी को जनशिक्षक से वापस कर दिया गया है।कल तक वे स्कूल पहुंच जाएंगे। इसमें प्राचार्य की गलती है।शिक्षक नहीं होने पर उन्होंने शैलेंद्र लोधी को रीलिव नहीं करना है। रीलिव कर दिया इससे हमें यह पता नहीं चलता कि कितने शिक्षक हैं।
-संजय तोमर, डीपीसी बड़वानी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो