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ये क्या ! खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद निजी क्लीनिक में मरीज देख रहा था सरकारी डॉक्टर

locationबड़वानीPublished: May 05, 2021 04:18:30 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

कोरोना पॉजिटिव (corona positive) होने के कारण सरकारी डॉक्टर (government doctor) की दी गई थी छुट्टी, होम क्वारंटीन होने की जगह निजी क्लीनिक में डॉक्टर देख रहा था मरीज…

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बड़वानी. मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के बड़वानी (barwani) जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। यहां एक सरकारी डॉक्टर खुद कोरोना पॉजिटिव (covid positive) होने के बावजूद अपना निजी क्लीनिक (private clinic) चला रहा था। कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर क्लीनिक में बैठकर मरीजों का इलाज कर रहा था इसी दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को जब उसके कारनामे की खबर लगी तो उन्होंने क्लीनिक पर दबिश दी और डॉक्टर के प्राइवेट क्लीनिक को सील कर दिया। डॉक्टर का नाम मुकेश चौहान है।

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कोरोना पॉजिटिव आने के कारण मिली थी छुट्टी
डॉक्टर मुकेश चौहान शासकीय कोविड सेंटर आशा ग्राम में पदस्थ हैं। बीते दिनों 24 अप्रैल को डॉक्टर मुकेश चौहान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और इसी के कारण उन्हें महामारी के इस मुश्किल वक्त में छुट्टी दी गई थी। छुट्टी मिलने के बाद उन्हें होम क्वारंटीन (home quarantine) होना था लेकिन होम क्वारंटीन होने की जगह कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद डॉक्टर मुकेश चौहान अपने निजी क्लीनिक पर बैठकर मरीजों का इलाज करने लगे। बताया जा रहा है कि उनके क्लीनिक पर रोजाना बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे थे ऐसे में अब उन मरीजों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ गया है।

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एसडीएम को मिली थी डॉक्टर के क्लीनिक चलाने की सूचना
कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर मुकेश चौहान के द्वारा निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज किए जाने की सूचना एसडीएम घनश्याम धनगर को किसी से प्राप्त हुई थी। एसडीएम ने सूचना को गंभीरता से लिया और जब पुलिस के साथ क्लीनिक पर दबिश दी तो वहां डॉक्टर मुकेश चौहान मरीजों का इलाज करते हुए रंगेहाथ मिले। एसडीएम ने बताया कि डॉक्टर मुकेश चौहान के पास निजी क्लीनिक चलाने के कोई दस्तावेज भी नहीं हैं ऐसे में उनके क्लीनिक को सील कर दिया गया है। एसडीएम ने आगे कहा कि डॉक्टर मुकेश चौहान के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनके घऱ पर प्रशासन द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर के बाहर लगाया जाना वाला स्टीकर भी लगाया था। इसके बावजूद वो मरीजों का इलाज कर रहे थे, इतना ही नहीं ये भी जानकारी मिली है कि डॉक्टर मुकेश द्वारा ओम साईं राम और डे केयर नाम से अस्पताल भी संचालित किया जा रहा था जिनमें आठ मरीज भर्ती थे। एसडीएम का कहना है कि अभी मामला जांच में है और जांच के बाद डॉक्टर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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