अब सडक़ों पर अनावश्यक घूम रहे लोगों को प्रतिबंधात्मक आदेशों का पालन कराने व उन्हें अपने-अपने घरों पर रहने के लिए पुलिस को सख्त होना पड़ रहा है। आखिर लोग समझ क्यों नहीं रहे है कि प्रशासन द्वारा बरती जा रही सख्ती उनके स्वास्थ्य के लिए ही है। इसमें घर पर रहकर सुरक्षित रह सकते हैं, ताकि देश इस विश्वव्यापी महामारी से अपना बचाव कर सके।
बेवजह सड़कों पर घूमकर, स्वास्थ्य से कर रहे खिलवाड़
शुक्र है कि अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में से कोरोनो जैसी जानलेवा बीमारी से पीडि़त कोई सामने नहीं आया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह लोगों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। उससे कोरोनो संक्रमण के फैलने की संभावना उतनी ही अधिक बढ़ रही है। लोगों का अनावश्यक सडक़ों पर घूमना तथा वस्तुओं की खरीदारी करते सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करना भारी पड़ सकता है। लोग स्वयं के साथ अपने परिवार की सेहत व सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे है।
अपने दूसरे चरण में कोरोना वायरस
लॉक डाउन के दौरान कोरोना महामारी के प्रति लोगों की लापरवाही नगर मे देखने को मिली। जब निर्धारित समय में लोग जरूरी वस्तुओं की खरीदारी के लिए बाजार मे निकले और सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन न करते हुए भीड़ में सामान खरीदने की होड़ मचाने लगे। कोरोनो प्रकोप से निपटने के लिए देश लॉक डाउन के रूप में अपने प्राथमिक उपचार में लगा है। क्योंकि भारत में अभी कोरोना वायरस अपने दूसरे चरण में है। आबादी के अनुपात में देश की स्वास्थ्य सेवाएं जिस हालत में है। यदि कोरोनो वायरस का संक्रमण तीसरे चरण में दस्तक देता है, तो देश की विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति कितनी भयावह होगी। सोच कर ही शरीर में सिरहन पैदा होती है।