तीन वर्षांे में ऐसे आई कमी
वर्ष-आवक -आय
2018-19 – 104981.24 – 5738618
2019-20 – 71540.55 – 5068285
2020-21 (13 सितंबर तक)1116 38000
इस बार प्रति सप्ताह ऐसी रही स्थिति
-31 अगस्त को कपास बोवनी का मुर्हुत
-3 से 7 सितंबर तक हड़ताल
-13 सितंबर सात बैलगाड़ी आवक
-20 सितंबर सात बैलगाड़ी व दो वाहन
-25 सितंबर से चार अक्टूबर तक हड़ताल
-11 अक्टूबर आठ बैलगाड़ी व एक वाहन
-18 अक्टूबर 17 बैलगाड़ी व तीन वाहन
बायपास पर व्यापारी घेर लेते हैं जगह, वाहनों आवाजाही में परेशानी
शहर के समीप से गुजर रहे बायपास पर साप्ताहिक हाट के दिन पल्ली वाले रोड किनारे ही कपास की खरीदी करते हैं। रोड किनारे पल्ली वालों के कपास खरीदी के दौरान यहां हादसों का अंदेशा बना रहता है। अलसुबह से पंजीकृत व अपंजीकृत व्यापारी बायपास किनारे पल्ली बिछाकर कपास खरीदी-बिक्री शुरु करते है। इस दौरान दोपहर तक मार्ग पर खासी भीड़भाड़ और लोडिंग वाहनों की भरमार से यातायात भी प्रभावित होता है। इस ओर अब तक जि मेदारों का ध्यान नहीं है। बता दें कि शहर के राजघाट रोड स्थित कृषि मंडी में पंजीकृत व्यापारियों द्वारा किसानों से कपास की खरीदी की जाती है। इससे मंडी प्रशासन को राजस्व प्राप्त होता है। वहीं बायपास पर खुले में बिकने वाले कपास से मंडी प्रशासन को राजस्व का चूना लग रहा है। रेवा सर्कल से कुक्षी, धार, अंजड़, खंडवा, इंदौर और ओलंपिक सर्कल से सेंधवा स्टेट हाईवे से आने वाले वाहन इसी मार्ग से आगे अपने गतंव्य की ओर आवाजाही करते है। वहीं बायपास पर पूर्व से रोड किनारे लोडिंग वाहनों के खड़े रहने की प्रथा जारी है। रविवार को कपास खरीदी के दौरान यातायात का दबाव बढऩे से कई बार जाम की स्थिति भी बनती है। अंजड़ की ओर से तेज गति से आने वाले वाहन कुक्षी की ओर टर्न लेते हैं तो रोड किनारे कपास बिक्री व वाहनों के खड़े रहने से दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है।