scriptबड़वानी मंडी में लगातार तीन सालों से घटती जा रही है सफेद सोने की आवक | Cotton arrivals in Barwani mandi are declining for three years | Patrika News

बड़वानी मंडी में लगातार तीन सालों से घटती जा रही है सफेद सोने की आवक

locationबड़वानीPublished: Oct 18, 2020 07:05:27 pm

Submitted by:

vishal yadav

कपास की आवक में कमी होने से आय में भी आई कमी, मंडी में कपास बेचने को लेकर किसानों में भी रूचि हो रही है कम, सड़क किनारे हो रही कपास खरीदी, हादसों का बना हुआ है डर

Cotton arrivals in Barwani mandi are declining for three years

Cotton arrivals in Barwani mandi are declining for three years

बड़वानी. शहर के राजघाट रोड स्थित कृषि उपज मंडी में कपास की आवक पिछले तीन सालों से लगातार घटती जा रही है। कपास की आवक घटने से मंडी की आय भी बहुत कम होती जा रही है। मंडी में कपास की आवक कम होने का कारण किसानों का मंडी तक नहीं पहुंचना माना जा रहा है। वहीं समर्थन मूल्य पर कपास की खरीदी प्रारंभ नहीं होना भी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। मंडी में कपास लाने वाले किसानों से व्यापारी मनमाने दामों में कपास की खरीदी कर रहे हैं। वहीं कपास की गुणवत्ता कमजोर बता कर किसानों का कपास खरीदा जा रहा है। इससे भी किसान मंडी तक नहीं पहुंच रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष 30 अगस्त को कृषि उपज मंडी में कपास खरीदी का मुर्हुत हुआ था। इसके बाद तीन से सात सितंबर तक मंडी अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे छह सितंबर रविवारीय हाट बाजार में किसानों ने बाजार में सीधे व्यापारियों को उपज बेचने में रुचि दिखाई। इसके बाद से अब तक मंडी में नाम मात्र की आवक रही। वहीं इस बीच 25 अक्टूबर से मंडी में फिर से हड़ताल होने से ताले लग गए। कुछ किसान उपज लेकर पहुंचे, लेकिन निराश होकर व्यापारियों को उपज बेची। करीब 11 दिन हड़ताल के दौरान अधिकांश किसानों द्वारा मंडी से बाहर ही व्यापारियों को उपज बेचने की प्रक्रिया तेजी से चली। ऐसे में अब मंडी में कपास बेचने को लेकर किसानों की रुचि लगभग खत्म हो चुकी है। हालांकि इस वर्ष सीजन में इस रविवार मंडी में 17 बैलगाड़ी व तीन वाहन की आवक रही। इस दौरान अधिकतम भाव 4875 और न्यूनतम 3860 रुपए प्रति क्ंिवटल रहा। जबकि रेवा सर्कल बायपास पर पांच हजार रुपए क्ंिवटल तक किसानों को दाम मिले।

तीन वर्षांे में ऐसे आई कमी
वर्ष-आवक -आय
2018-19 – 104981.24 – 5738618
2019-20 – 71540.55 – 5068285
2020-21 (13 सितंबर तक)1116 38000
इस बार प्रति सप्ताह ऐसी रही स्थिति
-31 अगस्त को कपास बोवनी का मुर्हुत
-3 से 7 सितंबर तक हड़ताल
-13 सितंबर सात बैलगाड़ी आवक
-20 सितंबर सात बैलगाड़ी व दो वाहन
-25 सितंबर से चार अक्टूबर तक हड़ताल
-11 अक्टूबर आठ बैलगाड़ी व एक वाहन
-18 अक्टूबर 17 बैलगाड़ी व तीन वाहन

बायपास पर व्यापारी घेर लेते हैं जगह, वाहनों आवाजाही में परेशानी
शहर के समीप से गुजर रहे बायपास पर साप्ताहिक हाट के दिन पल्ली वाले रोड किनारे ही कपास की खरीदी करते हैं। रोड किनारे पल्ली वालों के कपास खरीदी के दौरान यहां हादसों का अंदेशा बना रहता है। अलसुबह से पंजीकृत व अपंजीकृत व्यापारी बायपास किनारे पल्ली बिछाकर कपास खरीदी-बिक्री शुरु करते है। इस दौरान दोपहर तक मार्ग पर खासी भीड़भाड़ और लोडिंग वाहनों की भरमार से यातायात भी प्रभावित होता है। इस ओर अब तक जि मेदारों का ध्यान नहीं है। बता दें कि शहर के राजघाट रोड स्थित कृषि मंडी में पंजीकृत व्यापारियों द्वारा किसानों से कपास की खरीदी की जाती है। इससे मंडी प्रशासन को राजस्व प्राप्त होता है। वहीं बायपास पर खुले में बिकने वाले कपास से मंडी प्रशासन को राजस्व का चूना लग रहा है। रेवा सर्कल से कुक्षी, धार, अंजड़, खंडवा, इंदौर और ओलंपिक सर्कल से सेंधवा स्टेट हाईवे से आने वाले वाहन इसी मार्ग से आगे अपने गतंव्य की ओर आवाजाही करते है। वहीं बायपास पर पूर्व से रोड किनारे लोडिंग वाहनों के खड़े रहने की प्रथा जारी है। रविवार को कपास खरीदी के दौरान यातायात का दबाव बढऩे से कई बार जाम की स्थिति भी बनती है। अंजड़ की ओर से तेज गति से आने वाले वाहन कुक्षी की ओर टर्न लेते हैं तो रोड किनारे कपास बिक्री व वाहनों के खड़े रहने से दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है।

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