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इस बार एकादशी पर नहीं गूजेंगी शहनाईयां

locationबड़वानीPublished: Nov 19, 2018 10:41:30 am

शुभमुहूर्त का करना होगा इंतजार, अति शुभ मुहूर्त नए साल में, आज होगा भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह

Devthani Gayaras on Monday

Devthani Gayaras on Monday

बड़वानी. देवउठनी ग्यारस सोमवार को मनाई जाएगी। गुरु अस्त होने के कारण इस वर्ष देवउठनी एकादशी पर विवाह की शहनाइयां नहीं बजेंगी। ज्योतिषाचार्य सिद्धेश्वरी भारद्वाज ने बताया कि देवउठनी एकादशी को विवाह के लिए अबूझ व स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है, लेकिन इस बार देवउठनी एकादशी पर गुरु तारा अस्त रहेगा। इसके कारण इस वर्ष देवउठनी एकादशी पर विवाह मुहूर्त नहीं है। 15 जनवरी में ही शुभ मुहूर्त है।
विवाह का हमारे संस्कारों में है अहम स्थान
ज्योतिषाचर्य भारद्वाज ने बताया कि विवाह का हमारे संस्कारों में अहम स्थान है। विवाह की तारीख निकालने से पूर्व त्रिबल शुद्धि देखी जाती है। यदि शुद्ध होते है। तभी विवाह के शुभ मुहूर्त निकलते है। क्योंकि विवाह से ही व्यक्ति के गृहस्थ आश्रम का आरंभ होता है। विवाह के लिए एक ओर जहां योग्य जीवनसाथी की आवश्यकता होती है। वहीं इस संस्कार को सम्पन्न करने के लिए एक श्रेष्ठ मुहूर्त की भी आवश्यकता होती है। विवाह मुहूर्त सुनिश्चित करने में त्रिबल शुद्धि अर्थात चंद्र, गुरु और शुक्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कार्तिक शुक्ल पंचमी 12 नवंबर गुरु पश्चिम दिशा में अस्त हो गए है। वहीं मार्गशीर्ष अमावस्या 7 दिसंबर शुक्रवार को गुरु पूर्व दिशा में उदित होंगे। गुरु के उदित होते ही केवल 5 मुहूर्त है। विवाह के लिए उसके बाद 16 दिसंबर से खरमास प्रारंभ हो जाएगा, जो 15 जनवरी तक रहेगा। इससे विवाह के कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। खरमास समाप्त होते ही विवाह एवं शुभ मांगलिक कर्म प्रारंभ हो जाएंगे।
तीनों का गोचर शुभ स्थान में होना आवश्यक
ग्रह अस्त में विवाह करना वर्जित है। विवाह के दिन चंद्रए गुरु व शुक्र का गोचरवश शुभ स्थानों में होना परम आवश्यक है। त्रिबल शुद्धि के साथ ही विवाह मुहूर्त में गुरु व शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना भी आवश्यक है। गुरु व शुक्र का तारा यदि अस्त है, तो विवाह का मुहूर्त नहीं निकलेगा।
गुरु अस्त…
सोमवार 12 नवंबर कार्तिक शुक्ल पंचमी को गुरु पश्चिम में अस्त हो गया है।
गुरु उदित…
7 दिसंबर दिन शुक्रवार मार्गशीर्ष अमावस्या को पूर्व में उदय होगा।
मलमास…
प्रारंभ 16 दिसंबर 2018 से
समाप्त 15 जनवरी 2019 तक
यानी 15 जनवरी के बाद ही शादियों के शुभ मुहूर्त निकलेंगे। हालांकि 10 से 15 दिसंबर के बीच कोई व्यवधान नहीं है।
आज मनेगी देवउठनी ग्यारस
देवउठनी ग्यारस सोमवार को मनाई जाएगी। घर-घर में शुभ मुहूर्त में भगवान शालिग्राम और तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तुलसी विवाह में नए गन्ने की झोपड़ी बनाकर, बेर, भाजी, आंवला रखकर तुलसी जी की पूजा की जाती है। घरों सहित शहर के कालिका माता मंदिर में भी सामूहिक तुलसी विवाह का आयोजन कर आतिशबाजी की जाएगी।
तुलसी पूजा के शुभ मुहूर्त
चर दोपहर 1.35 बजे से 2.55 बजे तक
लाभ दोपहर 2.55 बजे से 4.16 बजे तक
अमृत शाम 4.16 बजे से 5.37 बजे तक
चर शाम 5.73 बजे से 7.18 बजे तक
लाभ रात 10.34 बजे से 12.12 बजे तक

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