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योजना का लाभ दिलाने के बहाने मोम पर लेता था फिंगर प्रिंट, कईयों से की धोखाधड़ी

locationबड़वानीPublished: Apr 03, 2019 10:27:10 am

यू-ट्यूब से 12वीं पास मास्टमाइंड ने सीखी तरकीब, ग्लूस्टिक से बनाता था नकली अंगुठे की छाप, पहली बार जिले में फिंगर प्रिंट धोखाधड़ी का मामला, कईयों को बनाया शिकार, पुलिस ने सायबर सेल की मदद से पकड़ा दो आरोपितों को, किया खुलासा

Fake fingerprint in the style of English films

Fake fingerprint in the style of English films

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. जिले ही नहीं संभवत: मप्र में पहली बार इंग्लिश फिल्मों की स्टाइल में नकली फिंगरप्रिंट बनाकर लोगों के खातों से रुपए निकालने का मामला सामने आया है।आरोपी योजनाओं का लाभ दिलाने, फ्री में मोबाइल सीम देने के नाम पर मोम पर हितग्राही के थंब का निशान लेता था, फिर ग्लू स्टिक की मदद से नकली थंब इंप्रेशन तैयार कर हितग्राही के खाते से रुपए निकाल लेता था। मास्टरमाइंड ने जिले में करीब 60 से 70 लोगों से धोखाधड़ी कर उनके खातों से 10 लाख रुपए निकाल लिए।मंगलवार को पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपितों को पकड़ा है।पुलिस ने आरोपितों के पास से नकली थंब इंप्रेशन बनाने सहित जालसाजी का सामान और 3.90 लाख रुपए नकद बरामद किए है। पुलिस ने दोनों आरोपितों को 4 अप्रैल तक रिमांड पर लिया।
पुलिस अधीक्षक यांगचेन डोलकर भूटिया ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि बड़वानी थाने पर ग्राम अवल्दा (बड़वानी) निवासी सुनिता बाई ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके भारतीय स्टेट बैंक के खातें से 8 7 हजार रुपए तथा देना बैंक के खाते से 2 हजार 8 00 रुपए की राशि उनके द्वारा बैंक से नही निकाली गई, लेकिन उनके बैंक खाते से ये राशि डेबिट हो गई है। शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा प्रकरण जांच में लिया गया। जांच के दौरान पुलिस को ज्ञात हुआ कि कुछ दिनों पहले आवेदिका सुनिता बाई के घर पर 02 अज्ञात व्यक्ति आए तथा विधवा पेंशन एव सरकारी योजनाओं का लाभ बताकर मोम जैसे प्लास्टिक की छड़ को पिघलाकर प्लास्टिक के कागज पर हाथ के अंगूठे की छाप तथा सुनिता बाई के आधार कार्ड की फोटो भी लेकर गए थे।
इस आधार पर पुलिस ने जांच में स्थानीय व सरहदीय जिलों की बैंकों के अकाउंट डिटेल, सीसीटीवी फुटेज की तकनीकी माध्यम से जांच करने पर निसरपुर निवासी भरत कुमावत की गतिविधियां संदिग्ध पाई। इस पर गठित टीम द्वारा मुखबीरों का जाल बिछाकर सूचना संकलन की गई। सूचना पर पता चला कि भरत कुमावत बड़वानी में किराए के मकान में रहता है, तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सीम बेचने के कार्य के साथ ही जनधन योजना का लाभ बताकर गांव के भोले-भाले ग्रामीणों का कियोस्क में खाता खुलवाता है। उसके इस कार्य में उसका छोटा भाई धर्मेंद्र भी सहयोग करता है। पुलिस ने आरोपी भरत कुमावत एवं धर्मेंद्र कुमावत निवासी निसरपुर (धार) को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से अंगूठे की छाप लगे 50-6 0 स्टीकर, ग्लुस्टिक, लाईटर, सीम के खाली कार्ड, लैपटॉप, मोबाइल, मीनी एटीएम मशीन, फिंगर प्रिंट बायोमेट्रिक मशीन, चालू सीमे, 150 से अधिक ब्लेंक सीमे, 21 लोगो के आधार कार्ड व नगद 3 लाख 90 हजार रुपए की राशि पुलिस ने बरामद की है।
50 से अधिक अंगुठे के निशान मिले
एसपी ने बताया िसंपूर्ण जांच के बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर दोनों के विरुद्ध थाना बड़वानी पर धारा 420, 46 7, 46 8 , 471, 120(बी) भादवि, 6 6 (सी), 6 6 (डी) आईटी एक्ट 2000 के तहत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है। जांच में आरोपितों द्वारा बताया गया कि 50 से अधिक लोगों के अंगूठों के निशान लेकर उनके द्वारा 10 लाख रुपयों से अधिक की धोखाधड़ी अभी तक की गई है। पुलिस अधीक्षक यांगचेन डोलकर भूटिया के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनिता रावत एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी अंतरसिंह जमरा के मार्गदर्शन में निरीक्षक थाना राजेश यादव के नेतृत्व में गठित टीम के सदस्य उपनिरीक्षक लखनसिंह बघेल, हिरूसिंह रावत, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक रितेश खत्री, प्रधानआरक्षक विक्रमसिंह किराड़े, सरजू दरोगा, आरक्षक योगेश पाटील, अरूण मुजाल्दा, जगजोधसिंह, शैलेंद्र, संदेश एवं महिला आरक्षक रश्मि डावर, सहायक उप निरीक्षक रेणुका राठौर ने इस प्रकरण के निराकरण में कार्य किया। संपूर्ण टीम को पुलिस अधीक्षक द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
ऐसे करता था धोखाधड़ी
भरत मोबाइल कंपनियों की सीम बेचने का काम करता है। मोबाइल सीम देने के साथ ही वो ग्रामीण क्षेत्र के कम जानकार लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने, बैंक में खाता खोलने आदि की बात कहकर अपना निशाना बनाता था। वो हितग्राही से बायोमैट्रिक मशीन पर अंगुठे का निशान लेता था और आधार नंबर लेता था। इसके बाद वो निशान ठीक नहीं आने की बात कहकर मोम पर हितग्राही के निशान लेता था। मोम के निशान पर ग्लू स्टिक (फेविकॉल) डालकर रातभर सुखाता था। उसके बाद अंगुठे का निशान ग्लू स्टिक पर उतरने के बाद हितग्राही के खाते से दूसरे खाते में, फिर दूसरे खाते से तीसरे खात में राशि डालता था। इसके बाद कियोस्क पर जाकर अपने अंगुठे पर नकली थंब इंप्रेशन लगाकर रुपए निकाल लेता था।
यू-ट्यूब पर सीखा था ठगी का तरीका
आरोपित भरत 12वीं पास है। उसके दिमाग में ये आइडिया इंग्लिश फिल्म मिशन इंपासिबल का हीरो नकली थंब लगाकर जिस तरह से चोरी करता है, ये देखकर आया था। नकली थंब इंप्रेशन बनाने के लिए उसने यू-ट्यूब पर इसका तरीका सीखा था। भरत के शिकार अधिकतर वो ग्रामीण होते थे जो पढ़े लिखे नहीं हैऔर टैक्नालॉजी की कोई जानकारी नहीं है। धार और बड़वानी जिले में सरदार सरोवर बांध की डूब में आए प्रभावितों को भारी मुआवजा मिला है। भरत इन डूब प्रभावितों को निशाना बनाने की तैयारी में था। उसके पास से मुआवजा पाने वाले डूब प्रभावितों की सूची भी मिली है।

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